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पंजाब कांग्रेस प्रमुख को बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं : हरीश रावत

प्रदेश कांग्रेस के कामकाज को लेकर प्रभारी महासचिव हरीश रावत द्वारा की गई टिप्पणी पर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ द्वारा नाखुशी जाहिर किए जाने के बाद रावत ने स्पष्टीकरण दिया है.

Updated on: 11 Oct 2020, 10:40 PM

देहरादून:

प्रदेश कांग्रेस के कामकाज को लेकर प्रभारी महासचिव हरीश रावत द्वारा की गई टिप्पणी पर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ द्वारा नाखुशी जाहिर किए जाने के बाद रावत ने स्पष्टीकरण दिया है. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि पंजाब कांग्रेस के प्रमुख को बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है और उनकी बात को 'गलत समझा गया' है. रावत ने आईएएनएस से कहा कि पंजाब में राज्य इकाई के अध्यक्ष को बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया कि जब उनसे जिला समितियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि समितियों का गठन न होना चिंता का विषय है. यह पूछे जाने पर कि पंजाब के नेता पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को दिए जा रहे अनुचित महत्व से परेशान हैं, इस पर रावत ने जवाब दिया कि हर कोई इस बात पर सहमत था कि सिद्धू को बोर्ड में लाया जाए और पार्टी की सहमति से ही वह मोगा की रैली में आए थे.
 
बता दें कि हरीश रावत के जाखड़ से परेशान होने की खबरें आने के बाद जाखड़ ने कह दिया था कि "वह पद छोड़ने के लिए तैयार हैं". सूत्रों का कहना है कि जाखड़ ने राज्य पुनर्गठन के लिए प्रस्ताव भेजा था लेकिन महामारी के कारण यह मामला लंबित है. वहीं राहुल गांधी की ट्रैक्टर रैली के दौरान सिद्धू को महत्व दिए जाने के बाद से पंजाब कांग्रेस उथल-पुथल मची हुई है. रैली से पहले रावत सिद्धू के आवास पर गए थे और फिर उन्हें अपने साथ मोगा लेकर गए थे. पंजाब के नेता इस बात से चिंतित हैं कि कहीं सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त न कर दिया जाए. यहां तक कि मुख्यमंत्री भी इसका विरोध कर चुके हैं. सूत्रों का कहना है कि उन्होंने कहा है कि केवल किसी पुराने कांग्रेसी के हाथ में ही यह अहम जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए.  2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी हार के बाद जाखड़ ने इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उनके इस्तीफे को सोनिया गांधी ने अस्वीकार कर दिया था.