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उत्तराखंड में जिला-क्षेत्र पंचायतों के करीब 50 सदस्य लापता, चुनाव आयोग बोला- ढूढो नहीं तो...

राज्य निर्वाचन आयोग ने शनिवार को सभी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को गायब सदस्यों का पता लगाने का आदेश दिया है.

Updated on: 27 Oct 2019, 11:49 AM

देहरादून:

उत्तराखंड में 5, 11 और 16 अक्टूबर को तीन चरणों में त्रिस्तरीय यानी ग्राम पंचायत सदस्य और प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) और जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव हुए थे, जिसके नतीजे सोमवार से मंगलवार देर शाम तक चली मतगणना में घोषित हुए थे. नतीजे आने के बाद जिला और क्षेत्र पंचायत के करीब 50 सदस्य गायब हो गए हैं. सूत्रों की मानें तो यह सदस्य राज्य के 4 जिलों लापता हुए हैं. राज्य निर्वाचन आयोग ने शनिवार को सभी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को गायब सदस्यों का पता लगाने का आदेश दिया है.

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राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, हरिद्वार को छोड़कर पिथौरागढ़, चंपावत, पौड़ी गढ़वाल और नैनीताल के 8 विकासखंडों से करीब 50 जिला और क्षेत्र पंचायत सदस्यों के गायब होने की सूचना है. आयोग ने लापता सदस्यों की खोज और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश भी जारी किया है. हालांकि शनिवार देर शाम तक आयोग को कोई मुकदमा दर्ज होने की जानकारी नहीं मिली सकी.

गौरतलब है कि अक्सर जिला-क्षेत्र पंचायतों के अध्यक्षों के चुनाव में सदस्यों की खरीद फरोख्त, अपहरण, सदस्यों को विदेश घुमाने तक के आरोप लगते रहे हैं. जिसको लेकर देहरादून के एक वकील विपुल जैन ने हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई, जिस पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया. हाईकोर्ट ने 17 अक्टूबर को साफ कहा कि अगर खरीद फरोख्त या अन्य तरीके से पंचायच चुनावों का प्रभावित होना पाया जाता है तो इसको लेकर मुकदमा दर्ज किया जाए.

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बता दें कि उस बार उत्तराखंड में ग्राम प्रधानों की कुल 7485 सीटों में 1514 प्रत्याशी निर्विरोध जीते, वहीं 5,847 सीटों पर लड़ाई देखने को मिली. इसी तरह जिला पंचायत सदस्यों के 356 और क्षेत्र पंचायत सदस्यों (बीडीसी) के 2984 पदों पर चुनाव हुए. अब दीवाली के बाद ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्षों का चुनाव होना है. क्षेत्र पंचायत सदस्य ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत सदस्य जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में वोट डालते हैं.