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CM Pushkar Singh Dhami Photograph: (social media)
उत्तराखंड सरकार ने उत्तरकाशी के धराली और हर्षिल क्षेत्र में आई आपदा से हुए नुकसान के बाद को अहम कदम उठाए हैं. जनता को राहत देने के लिए युद्धस्तर पर सभी एजेंसियां काम कर रही हैं. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने खुद घटनास्थल का जायजा लिया. आम जनता से मिले और स्थिति को समझने का प्रयास किया. आइए जानते हैं क्रमवार तरह से कि किस तरह से सरकार ने तत्परता से कदम उठाए.
सीएम धामी ने बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश दिए
5 अगस्त 2025 को आपदा से धराली-उत्तरकाशी और हर्षिल क्षेत्र में जान-माल के नुकसान की सूचना पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने तिरूपति (आंध्र प्रदेश) से अधिकारियों को युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश दिए. जिला प्रशासन के साथ सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, अग्निशमन विभाग, आईटीबीपी के साथ मिलकर राहत व बचाव अभियान शुरू किया. प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय को इस के बारे में ब्योरा दिया गया.
आंध्र प्रदेश का दौरा स्थगित करके सीएम धामी 5 अगस्त की शाम को राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र देहरादून पहुंचे. यहां पर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे राहत व बचाव अभियान की जानकारी दी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने फोन पर सीएम धामी से घटना के बारे में जानकारी हासिल की. हरसंभव मदद के प्रति आश्वस्त किया.
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130 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया गया था
पांच अगस्त की शाम तक 130 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका था. सीएम ने आपदा प्रभावितों के खाने-पीने और रहने की उचित व्यवस्था का आदेश दिया. हर्षिल क्षेत्र में झील बनने की सूचना पर वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को इस पर उचित कार्रवाई के लिए कहा गया. प्रभावितों को एयरलिफ्ट करने और बचाव कार्य में वायु सेना के एमआई-17 की सहायता लेने का आदेश दिया.
उत्तरकाशी में ही कैंप करने का आदेश जारी किया
पांच अगस्त 2025 को सरकार ने आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पांडेय को आपदा के दृष्टिकोण से नोडल अफसर नियुक्त किया. इसके साथ ही उत्तरकाशी जिले में डीएम रह चुके अपर सचिव डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट, अभिषेक रोहिल्ला और गौरव कुमार को अहम जिम्मेदारी दी. अपर सचिव विनीत कुमार को उत्तरकाशी में ही कैंप करने का आदेश जारी किया.
इसी दिन दो आईजी, तीन एसपी, एक कमाडेंट और 11 डिप्टी एसपी सहित 300 पुलिसकर्मियों को देहरादून से उत्तरकाशी जिले के लिए रवाना किया गया. 40 वीं वाहिनी पीएसी के विशेष आपदा दल तथा आईआरबी द्वितीय देहरादून की सी कंपनी के 140 जवान भी उत्तरकाशी रवाना हुए. देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी और टिहरी जिले के आरक्षी से लेकर निरीक्षक स्तर के 160 पुलिस कार्मिकों को भी उत्तरकाशी भेजा गया.
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बीस करोड़ की धनराशि जारी
पांच अगस्तर की को देर शाम राज्य आपदा मोचन निधि से आपदा राहत एवं बचाव कार्य के लिए बीस करोड़ की धनराशि जारी की गई. विभिन्न विभागों के सचिवों की टीम को दिनांक-06 अगस्त 2025 को धराली-हर्षिल पहुंचने के निर्देश जारी हुए.
अगले दिन छह अगस्त को सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आपदा से जुड़ी जानकारी हासिल की और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया. प्रतिकूल मौसम के बावजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी धराली पहुंचे. उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाते हुए राहत कार्यों की समीक्षा की. सीएम ने मौके पर जाकर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे कर्मियों से भी भेंट की. उन्होंने अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से राहत सामग्री प्रभावितों तक पहुंचाने के निर्देश दिए.
डॉक्टरों को भी उत्तरकाशी के लिए रवाना किया
राज्य सरकार की मांग पर केंद्र सरकार ने ने चंड़ीगढ़, सरसावा और आगरा से दो चिनूक और दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर, दिनांक-06 अगस्त 2025 को तड़के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उपलब्ध कराए. सड़क यातायात बहाल करने के लिए चिनूक हेलीकॉप्टर से भारी उपकरण भी पहुंचाने के निर्देश जारी किए गए. स्वास्थ्य विभाग ने घायलों को उपचार प्रदान करने के लिए दून मेडिकल कॉलेज, कोरोनेशन जिला अस्पताल और एम्स ऋषिकेश में बेड आरक्षित किए. साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टरों को भी उत्तरकाशी के लिए रवाना किया.
जिला प्रशासन ने इंटर कॉलेज हर्षिल, जीएमवीएन और झाला में राहत शिविर प्रारंभ किए. क्षेत्र में बिजली और संचार नेटवर्क को बहाल करने का कार्य शुरू हुआ. एनआईएम और एसडीआरएफ ने लिम्चागाड में अस्थायी पुल निर्माण के कार्य आरंभ किया.
हर्षिल पहुंचकर सीएम ने प्रभावितों से की मुलाकात
छह अगस्त को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी जिले के प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया. अधिकारियों को हर समय अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए. हर्षिल पहुंचकर मुख्यमंत्री ने प्रभावितों से मुलाकात की और हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया. बचाव दल ने सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल समेत दस जवानों का धराली से रेस्क्यू किया. सेना के दो घायलों को हेलीकाॅप्टर से हायर सेंटर भेजा गया. दो अन्य को सड़क मार्ग से एम्स ऋषिकेश पहुंचाया गया.
मुख्यमंत्री ने 06 अगस्त को रात्रि विश्राम उत्तरकाशी में ही किया. इस दौरान जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र उत्तरकाशी में मुख्यमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की. कई जगह मार्ग अवरूद्ध होने की स्थिति में भारी उपकरणों को भी एयरलिफ्ट कर मौके पर पहुंचाने के निर्देश दिए गए. मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी जिले के साथ अन्य जिलों में भी आपदा से उपजी स्थितियों की समीक्षा की और जरूरी निर्देश जारी किए .
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सीएम ने प्रभावितों का हाल-चाल जाना
सात अगस्त को मातली उत्तरकाशी से हर्षिल के बीच शटल सेवा शुरू की गई. यूकाडा के आठ हेलीकाॅप्टर शटल सेवा में शामिल किए गए. रेस्क्यू अभियान के तहत प्रभावितों को हेलीकाॅप्टर से मातली आईटीबीपी परिसर लाने का काम शुरू किया गया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मातली में रेस्क्यू कर लाए गए प्रभावितों का हाल-चाल जाना. उत्तरकाशी के अस्पताल में भर्ती प्रभावितों से भी सीएम ने मुलाकात की. मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने राज्य आपातकालीन परिचालन सेवा केंद्र देहरादून से राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की.
जनरेटर हर्षिल क्षेत्र के लिए एयरलिफट कराया गया
सात अगस्त यानि गुरुवार को दोपहर तक 274 लोगों को गंगोत्री एवं अन्य क्षेत्रों से हर्षिल तक सुरक्षित लाने में सफलता मिली. इनमें से 131 गुजरात, 123 महाराष्ट्र, 21 मध्य प्रदेश, 12 उत्तर प्रदेश, सात दिल्ली, छह राजस्थान, पांच असम, पांच कर्नाटक, तीन तेलंगाना, एक पंजाब राज्य से संबंधित थे. इसी दिन की शाम तक कुल 135 लोगों को रेस्क्यू कर उनके सुरक्षित गंतव्यों तक पहुंचाया जा चुका था. हर्षिल में रेस्क्यू कर लाए गए 274 लोगों को वहीं पर रखा गया था. विद्युत आपूर्ति बहाल करने के लिए देहरादून एयरपोर्ट से 125 केवीए क्षमता का एक जनरेटर हर्षिल क्षेत्र के लिए सफलतापूर्वक एयरलिफट कराया गया.
सात अगस्त को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी से पौड़ी के आपदा प्रभावित क्षेत्र सैंजी पहुंचे. यहां पर आपदा प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया. उन्होंने प्रभावितों से मुलाकात की. प्रभावितों को राहत राशि भी वितरित की गई. इसके साथ थलीसैंण तहसील के बांकुडा समेत अन्य आपदा प्रभावित क्षेत्रों का मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वे किया.