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अब कोई भी जा सकता है चारधाम, हाईकोर्ट ने हटाई श्रद्धालुओं की अपर लिमिट

चार धाम यात्रा में रोज़ सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को प्रवेश देने के मामले में उत्तराखंड सरकार ने उच्च न्यायालय में आवेदन दिया था कि संख्या को बढ़ाया जाए, जिस पर सोमवार को उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई थी.

Updated on: 05 Oct 2021, 12:52 PM

नैनीताल:

चार थाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड सरकार को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने प्रतिदिन सीमित संख्या में यात्रियों को धामों में प्रवेश दिए जाने केफैसले में संशोधन के बाद अब केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में यात्रियों की संख्या को बढ़ा दिया है. कोर्ट ने कहा कि अब कोई भी श्रद्धालु तीर्थ यात्रा पर जा सकता है. अब कोई भी श्रद्धालु यात्रा पर जा सकेगा. हालांकि कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि उत्तराखंड सरकार से कहा है कि सभी यात्रियों के लिए मेडिकल संबंधी तमाम इंतज़ाम पर्याप्त और त्वरित होने चाहिए. साथ ही मेडिकल सुविधाओं के लिए एक हेलीकॉप्टर भी तैयार रखने का निर्देश दिया गया है.  

सरकार ने मांगी थी इजाजत 
करीब तीन हफ्ते पहले हाईकोर्ट ने चार धाम यात्रा को सशर्त मंजूरी दी थी. कोर्ट ने यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की संख्या तय कर दी थी. आदेश के तहत केदारनाथ में 800, बद्रीनाथ में 1000, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 श्रद्धालुओं को ही एक दिन में दर्शन के लिए अनु​मति दिए जाने की व्यवस्था दी थी. इस आदेश के बाद प्रशासन को कई श्रद्धालुओं को रोकना या लौटाना पड़ रहा था. इस समस्या और श्रद्धालुओं की मांग के अनुसार सरकार ने बीते गुरुवार को हलफनामा दाखिल कर यात्रियों की संख्या की सीमा बढ़ाए जाने की गुहार लगाई थी.

गाइडलाइन का करना होगा पालन
हालांकि कोर्ट ने फैसले में साफ कहा है कि तीर्थयात्रियों को गाइडलाइन का पूरी तरह पालन करना होगा. जिन लोगों ने वैक्सीन के दोनों डोज़ लगवाए हैं और इसका प्रमाण पत्र है, उन्हें कोविड जांच की निगेटिव रिपोर्ट साथ रखने की बाध्यता नहीं है, लेकिन सोमवार को गाइडलाइन्स में कुछ फेरबदल करते हुए कहा गया कि केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों को फुल वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट होने के बावजूद 72 घंटे पहले तक की मान्य निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी.