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उत्तराखंड में 3 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी आयुष्मान योजना से परेशान, 2 साल से बिल पेंडिंग

उत्तराखंड के 3 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी आयुष्मान योजना से लाभान्वित होंगे. लेकिन 2 साल से ज्यादा वक्त बीतने के बाद भी कर्मचारियों के ना तो कार्ड बन पाए हैं और ना ही अभी तक योजना को लेकर नियमावली ही तैयार की गई है.

Updated on: 03 May 2020, 03:15 PM

देहरादून:

उत्तराखंड में आयुष्मान योजना (Ayushman Yojna) से सरकारी कर्मचारी काफी परेशान हैं. 3 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को अटल आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. 2 साल पहले सरकार ने कर्मचारियों को योजना से जोड़ने की घोषणा की थी. लेकिन अब तक कर्मचारी सरकार की महत्वकांक्षी योजना से कोसों दूर है. बता दें कि उत्तराखंड (Uttarakhand) के 3 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी आयुष्मान योजना से लाभान्वित होंगे. लेकिन 2 साल से ज्यादा वक्त बीतने के बाद भी कर्मचारियों के ना तो कार्ड बन पाए हैं और ना ही अभी तक योजना को लेकर नियमावली ही तैयार की गई है.

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मेडिकल फैसिलिटी का लाभ कर्मचारियों को नहीं मिल पा रहा

पिछले 2 साल से सरकारी कर्मचारी इस बात को लेकर परेशान हैं कि उनके मेडिकल बिल पेंडिंग हैं. पुरानी मेडिकल योजना के बंद होने से मेडिकल फैसिलिटी का लाभ कर्मचारियों को नहीं मिल पा रहा है. शिक्षा विभाग में सरकारी कर्मचारी सतीश घिल्डियाल कहते हैं कि सरकार ने आयुष्मान योजना का लाभ देने का फैसला तो किया मगर उसको 2 साल बाद भी अमलीजामा नहीं पहना पाए हैं. अभी भी कर्मचारी मेडिकल फैसिलिटी का लाभ नही उठा पा रहे हैं.

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लोगों की सैलरी से ही मेडिकल फंड कटेगा

वहीं आयुष्मान योजना के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर बैठे आरुरेन्द्र चौहान कहते हैं कि अब तक आयुष्मान योजना का लाभ लोगों को मिल जाता अगर बीच में लॉकडाउन न हुआ होता. लोगों की सैलरी से ही मेडिकल फंड कटेगा और पहले की तरह ही मेडिकल फैसिलिटी मिलेगी. आरुरेन्द्र चौहान ने कहा कि लॉक डाउन खुलते ही पहली प्राथमिकता में सरकारी कर्मचारियों के आयुष्मान कार्ड ही बनेंगे.