उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. इस बार भगवान श्रीकृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा, जो विशेष और भव्य होगा. जन्माष्टमी पर मंदिरों में विशेष सजावट, झांकियां, भजन-कीर्तन और रात्रि 12 बजे श्रीकृष्ण जन्म के दर्शन होंगे. प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं और पूरा कार्यक्रम तय शेड्यूल के अनुसार होगा. आपको बता दें कि इस बार श्रीकृष्ण जन्मस्थान का गर्भगृह 221 किलो चांदी से सजाया जाएगा. ठाकुरजी सिंदूर पुष्प बंगले में विराजमान होंगे, जिसे सिंदूरी रंग के फूलों से सजाया जाएगा.
मेघधनु पोशाक का शृंगार
इस वर्ष ठाकुरजी इंद्रधनुषी रंग (मेघधनु) की विशेष पोशाक पहनेंगे, जिसमें सात रंगों का उपयोग रेशम, जरी और रत्नों से किया गया है. जानकारी के मुताबिक, यह पोशाक छह महीने में तैयार हुई है. ठाकुरजी रत्नजड़ित मुकुट, बांसुरी और नवरत्न कंठा भी धारण करेंगे. मां योगमाया स्वर्ण मुकुट पहनेंगी.
पूरे दिन दर्शन का समय
जन्माष्टमी यानी 16 अगस्त के दिन श्रद्धालुओं के लिए जन्मस्थान का प्रवेश सुबह 5:30 बजे से रात 1:30 बजे तक रहेगा. 15 अगस्त को शाम 6 बजे ठाकुरजी को पोशाक अर्पित की जाएगी. प्रवेश गेट नंबर 3 (गोविंद द्वार) से होगा और निकास मुख्य द्वार (गेट नंबर 1) से.
विशेष कार्यक्रम
- 14 से 18 अगस्त: शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक लीलाएं
- 15 से 17 अगस्त: सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक भजन गायन
- 16 अगस्त: सुबह 5:30 बजे मंगला आरती, 8 बजे पंचामृत अभिषेक, 9 बजे पुष्पांजलि
- 16 अगस्त रात:
11:00 बजे गणपति व नवग्रह स्थापना पूजन
11:59 बजे पट बंद
12:00 से 12:10 बजे प्राकट्य दर्शन-आरती
12:10 से 12:25 बजे महाभिषेक
12:25 से 12:50 बजे रजत कमल पुष्प में जन्म महाभिषेक
12:45 से 12:50 बजे शृंगार आरती
1:55 से 2:00 बजे शयन आरती
श्रद्धालुओं के लिए निर्देश
मोबाइल, कैमरा, रिंग, बैग, माचिस, सिगरेट, तंबाकू, चाकू, ब्लेड आदि लाना मना है. वाहन या ठहरने के स्थान पर ही सामान छोड़कर आएं. प्रमुख मार्गों पर जूताघर और सामान घर की व्यवस्था होगी.
शहर की सजावट
नगर निगम शहर को सजाने में जुटा है. तिराहों-चौराहों की दीवारों पर पेंटिंग, डिवाइडरों पर रंगाई और खराब लाइटों की मरम्मत हो रही है. आने वाले दिनों में मथुरा दुल्हन की तरह सजी नजर आएगी.
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