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पाकिस्तान में ढेर केएलएफ मुखिया हैप्पी का ड्रग सप्लायर निकला उत्तराखंड पुलिस का 'दोस्त'!

उत्तराखंड के कुछ पुलिस वालों के वाहन पंजाब पुलिस का वांछित ड्रग माफिया आशीष चलाता था और दिन-रात थाने-चौकी में ही डेरा जमाए रहता था.

Updated on: 03 Feb 2020, 01:18 PM

highlights

  • सिविलियन होने बावजूद आशीष रुड़की के कुछ पुलिस वालों के संपर्क में था.
  • अवैध शराब की सप्लाई से उसने अपराध की दुनिया में पांव रखा.
  • गगनेजा की हत्या में हैप्पी का नाम एनआईए की पड़ताल में सामने आया.

नई दिल्ली:

उत्तराखंड (Uttarakhand) के कुछ पुलिस वालों के वाहन पंजाब पुलिस का वांछित ड्रग माफिया आशीष चलाता था और दिन-रात थाने-चौकी में ही डेरा जमाए रहता था. किसी खास दबिश के दौरान गंगनगर थाना कोतवाली पुलिस की जीप या वाहन का चालक आशीष ही होता था. उप्र पुलिस के एटीएस (ATS) द्वारा रुड़की से आशीष की गिरफ्तारी के बाद ये तमाम सनसनीखेज खुलासे हुए हैं. पंजाब पुलिस का मोस्ट वांटेड ड्रग माफिया आशीष कुछ दिन पहले पाकिस्तान में गोलियों से भून डाले गए खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के सर्वेसर्वा हरमीत सिंह उर्फ हैप्पी पीएचडी के राइट हैंड ड्रग सप्लायर गगुनी ग्रेवाल का विश्वासपात्र है.

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उत्तराखंड पुलिस का करीबी थी आशीष
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (अपराध एवं कानून-व्यवस्था) अशोक कुमार ने सोमवार को इसकी जांच कराए जाने की पुष्टि की. उन्होंने कहा, 'हां, यह बात सामने आई है कि सिविलियन होने बावजूद आशीष गंगनहर कोतवाली (रुड़की) के कुछ पुलिस वालों के संपर्क में था. उस पर गंभीर आरोप हैं. हकीकत जांच पूरी होने के बाद ही पता चल पाएगी.' उल्लेखनीय है कि आशीष को जनवरी 2020 के अंतिम दिनों में रुड़की से उत्तर प्रदेश पुलिस आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) द्वारा गिरफ्तार किया गया था. एटीएस की पूछताछ में आशीष ने स्वीकार किया कि वह पंजाब के कुख्यात अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ सप्लायर गुगनी ग्रेवाल का उत्तराखंड में 'किंग-पिन' था.

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केएलएफ मुखिया के संबंध है गुगनी से
गुगनी ग्रेवाल कुछ दिन पहले पाकिस्तान में ढेर कर दिए गए खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के सर्वेसर्वा हरमीत सिंह उर्फ हैप्पी पीएचएडी का विश्वासपात्र है. यूपी पुलिस के आतंकवादी निरोधक दस्ते के शिकंजे में फंसे आशीष को हाल ही में रुड़की से दबोचा गया था. आशीष पंजाब पुलिस का वांछित ड्रग और हथियार सप्लायर है. उसके खिलाफ पंजाब के मोहाली में हथियार सप्लाई सहित कई संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं. कुख्यात आशीष पंजाब पुलिस की नजरों में तब से चढ़ा, जब पुलिस ने मोंगा (पंजाब) के खतरनाक गैंगस्टर सुखप्रीत सिंह उर्फ बुद्धा को दबोचा.

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उत्तराखंड पुलिस में हड़कंप
यूपी एटीएस के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, 'आशीष मूल रूप से उप्र में मेरठ जिले के जानी थाना इलाके में स्थित टीकरी गांव का रहने वाला है. अवैध शराब की सप्लाई से उसने अपराध की दुनिया में पांव रखा. बाद में वह पंजाब के ड्रग और हथियार सप्लायर सुखप्रीत उर्फ बुद्धा के साथ जा मिला. सुखप्रीत के जरिए ही आशीष खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के कुख्यात हरमीत सिंह उर्फ हैप्पी पीएचडी के पंजाब में विश्वासपात्र गुगनी ग्रेवाल के पास पहुंच गया.' आशीष की गिरफ्तारी के बाद से ही गंगनहर कोतवाली पुलिस में तैनात दारोगा-हवलदार-सिपाहियों में हड़कंप है.

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पहली बार 2009 में पकड़ा गया था आशीष
एटीएस ने आशीष को गिरफ्तार कर पंजाब पुलिस के हवाले कर दिया, क्योंकि असल में आशीष वांछित मुलजिम पंजाब का ही था. पंजाब पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 'आशीष को वर्ष 2009 में बिट्टू के साथ शराब की तस्करी करते लाडलू, मोहाली में पहली बार पकड़ा गया था. फिर उसे अप्रैल 2010 में डोडा के साथ दबोचा गया. उस मामले में बिट्टू और आशीष को पंजाब की अदालत ने सजा भी सुनाई थी. उसी मामले में आशीष सन 2014 से जमानत पर जेल से बाहर आया हुआ था.' ऐसे में अब सबको डर है कि न मालूम पंजाब पुलिस की पूछताछ में आशीष यहां तैनात किस-किस पुलिसकर्मी की कुंडली खोल बैठे?

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पाकिस्तान में हैप्पी की हत्या हो चुकी है
पंजाब पुलिस सूत्रों ने बताया, 'हैप्पी के विश्वासपात्र ड्रग और हथियार सप्लायर गुगनी ग्रेवाल से आशीष की दोस्ती पंजाब की एक जेल में हुई थी. जिस हैप्पी की हाल ही में 27 जनवरी को लाहौर (पाकिस्तान) के डेरा चाहेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई, गुगनी ग्रेवाल ने आशीष का नाम उस हैप्पी तक भी पहुंचा दिया था. हैप्पी पंजाब में सन 2016 के मध्य (जुलाई-अगस्त) में सेना के रिटायर्ड ब्रिगेडियर जगदीश कुमार गगनेजा की हत्या में भी वांछित था. जगदीश कुमार गगनेजा पंजाब में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के उपप्रमुख भी थे. गगनेजा की हत्या में हैप्पी का नाम एनआईए की पड़ताल में सामने आया था.'

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दबिश के दौरान पुलिस के साथ रहता आशीष
यूपी एटीएस अधिकारियों के मुताबिक, 'उत्तराखंड के रुड़की में गिरफ्तारी के समय आशीष मुंहबोली बहन के घर में रह रहा था. हालांकि उसका अधिकांश वक्त गंगनहर कोतवाली थाना पुलिस वालों के साथ ही बीतता था. गंगनहर थाना पुलिस आशीष की मुठ्ठी में इस कदर थी कि वह अक्सर दबिश के दौरान गंगनहर पुलिस पार्टी के वाहन की ड्राइवरी भी करता था. उसका खाना-पीना सबकुछ गंगनगर थाना पुलिस वालों के साथ था. इसलिए आम आदमी अक्सर उसे पुलिस वाला ही समझ लेता था.'