ज्योति नैनवाल भारतीय सेना में बनीं अधिकारी, पति 2018 में कश्मीर में हुए थे शहीद
2 बच्चों की मां ज्योति नैनवाल भारतीय सेना में अधिकारी नियुक्त हुई हैं. शनिवार को चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से वह पास आउट हुईं और सेना में शामिल हुईं.
highlights
- नायक दीपक नैनवाल 20 मई 2018 को शहीद हो गए थे
- पति की शहादत के बाद ज्योति ने भी देश सेवा करने का फैसला लिया
- दीपक नैनवाल के परिवार की तीन पीढ़ियां देश सेवा से जुड़ी हुई हैं
नई दिल्ली:
देहरादून के हर्रावाला की रहना वाली ज्योति नैनवाल ने फिर इतिहास रचा है. 2 बच्चों की मां ज्योति नैनवाल भारतीय सेना में अधिकारी नियुक्त हुई हैं. शनिवार को चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से वह पास आउट हुईं और सेना में शामिल हुईं. इस दौरान उनके दोनों बच्चे भी पीओपी में मौजूद रहे.ज्योति नायक दीपक नैनवाल की विधवा हैं, जिनकी 2018 में कश्मीर में सेना के एक अभियान में गोली लगने से मृत्यु हो गयी थी.पति की शहादत के बाद ज्योति ने भी देश सेवा करने का फैसला लिया था.
#WATCH | Newly commissioned Indian Army Officer Jyoti Nainwal, mother of 2 children is the wife of Naik Deepak Nainwal, who died after being shot while serving our nation in Indian Army operations in J&K in 2018.
— ANI (@ANI) November 20, 2021
(Source: PIB Tamil Nadu) pic.twitter.com/5hlrmGyAtV
इस मौके पर ज्योति नैनवाल ने कहा कि मैं अपने पति की रेजीमेंट को धन्यवाद देना चाहती हूं. वह हर कदम पर मेरे साथ खड़ी रही और मुझे बेटी की तरह मानती है. बहादुर महिलाओं के लिए मैं जन्म के लिए नहीं, बल्कि कर्म के लिए मां बनना चाहती हूं और मैं जैसे जीवन व्यतीत करुंगी, वह मेरे बच्चों के लिए एक उपहार होगा.
दीपक नैनवाल के परिवार की तीन पीढ़ियां देश सेवा से जुड़ी हुई हैं. दीपक के पिता चक्रधर नैनवाल सेना से रिटायर्ड हैं. उन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध, कारगिल युद्ध व कई अन्य ऑपरेशंस में हिस्सा लिया है. दीपक के दादा सुरेशानंद नैनवाल भी स्वतंत्रता सेनानी थे.
देहरादून के हर्रावाला निवासी नायक दीपक नैनवाल दस अप्रैल 2018 को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकी मुठभेड़ में घायल हो गए थे. वह एक माह तक जिंदगी और मौत की जंग लड़ते रहे और 20 मई 2018 को शहीद हो गए थे.
शहीद दीपक नैनवाल की एक बेटी लावण्या और एक बेटा रेयांश है. लावण्या कक्षा चार में पढ़ती है और रेयांश कक्षा एक में पढ़ता है. मां के सेना में अफसर बनने पर रेयांश को गर्व है और वह भी आगे चलकर फौजी बनकर देश सेवा करना चाहता है.
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