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Joshimath Landslide : जोशीमठ संकट से थोड़ी राहत, जानें दरारों में क्यों नहीं हो रही वृद्धि 

Joshimath Landslide : उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित जोशीमठ में भू-धंसाव की स्थिति और गंभीर होती जा रही है. यहां के घरों में बढ़ रही दरारों पर केंद्र और राज्य सरकार की नजर है.

Updated on: 19 Jan 2023, 11:03 PM

देहरादून:

Joshimath Landslide : उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित जोशीमठ में भू-धंसाव की स्थिति और गंभीर होती जा रही है. यहां के घरों में बढ़ रही दरारों पर केंद्र और राज्य सरकार की नजर है. इस बीच आपदा प्रबंधन के सचिव रंजीत सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जोशीमठ के ताजा हालातों के बारे में जानकारी दी है. उन्होंने मीडिया को बताया कि तीन दिनों से जोशीमठ (Joshimath Landslide) में दरारों में वृद्धि नहीं हुई है. साथ ही दरारों की चौड़ाई में भी बढ़ोतरी नहीं हुई है. 

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आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने यह भी बताया कि पानी रिसाव में गुरुवार को वृद्धि हुई है. 150 एलपीएम रिसाव पानी का आज हुआ है. वहीं, अभी तक 259 परिवार के 867 लोगों को शिफ्ट किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि  जोशीमठ के हालातों पर सरकार लगातार नजर बनाए हुए है, राहत बचाव और पुनर्निर्माण के काम चल रहे हैं. सीएम पुष्कर धामी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जोशीमठ के कामों को लेकर किसी भी तरह की कोताही न बरती जाए. सीएम ने ये साफ किया है कि जोशीमठ (Joshimath Landslide) में राहत बचाव और पुनर्निर्माण कार्यों के लिए किसी भी तरह की कोई कमी न रखी जाए.

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आपको बता दें कि जोशीमठ के दबाव को कम करने के लिए लोगों को वहां से सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है. इस बीच आईएमडी का कहना है कि दो-चार दिनों में जोशीमठ में बारिश हो सकती है, जिससे वहां की जमीन और नीचे धंस सकती है. वहीं, NIH रुड़की का कहना है कि भू-धंसाव की वजह से जोशीमठ एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है. कस्बे के कई घरों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ने की वजह से घरों के नीचे से बहने वाले पानी के स्रोत का वेग धीरे-धीरे कम होता जा रहा है. (Joshimath Landslide)