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Joshimath Land Subsidence Update( Photo Credit : File Photo)
Joshimath Land Subsidence Update : उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव और घरों में आई दरारों की स्थिति राज्य के अन्य जगहों पर भी देखने को मिल रही है. जोशीमठ में जिस तरह से मकानों में दरारें पड़ रही हैं, उससे ज्यादा दरारें टिहरी झील झील के पास स्थित पिपोला खास गांव के घरों में देखने को मिल रही हैं. यहां रहने वाले लोगों ने दूसरों के जगह शरण ली है. इस गांव के घरों में दरारें टिहरी झील की वजह से पड़ रही हैं, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है.
आपको बता दें कि पिपोला खास गांव टिहरी बांध की झील के निकट बसा हुआ है और टिहरी डैम की मुख्य दीवार से 2 किलोमीटर की दूरी पर है. टिहरी झील के कारण गांव के मकानों में दरार पड़ने के साथ-साथ जमीनों में भी भू-धंसाव हो रहा है. ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि जोशीमठ के मकानों में दरार पड़ने से सरकार के सभी अधिकारी और नेता अलर्ट हो गए हैं और मकानों में पड़ी दरारों को देखने पहुंच रहे हैं, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि टिहरी झील के कारण पिपोला खास गांव के मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ने पर भी कोई नेता अधिकारी उनकी सुध लेना के लिए अभी तक पहुंचा है.
ग्रामीणों ने कहा कि इससे साफ जाहिर होता है कि शासन प्रशासन पिपोला खास गांव में किसी बड़े हादसे के इंतजार में है कि अगर कोई बड़ा हादसा होगा तब जाकर संज्ञान लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि भूगर्भ वैज्ञानिकों की टीम ने अपनी रिपोर्ट में साफ-साफ लिखा है कि इन गांव में जो भी दरारें पड़ रही हैं, वह टिहरी झील के कारण पड़ रही है और यह गांव अति संवेदनशील है, लेकिन शासन प्रशासन ने इस रिपोर्ट पर कोई ध्यान नहीं दिया.
वहीं, टिहरी के डीएम सौरभ गहरवार ने बताया कि इसी महीने एक्सपर्ट कमेटी की ओर से टिहरी झील के समीप 23 गांव का सर्वे करवाया जाएगा. इन्हीं सर्वे टीमों से सीपोला गांव में सर्वे कराया जाएगा. उसके बाद ही कुछ कह पाएंगे कि गांव के मकानों में जो दरारें पड़े रही हैं, वह टिहरी झील के कारण पड़ रही है या कोई अन्य कारण है, उसके बाद ही कोई आगे की कार्रवाई की जाएगी.
वहीं, भू वैज्ञानिक डॉ. एसपी सती ने कहा कि टिहरी झील के आसपास जो भी गांव हैं उनके ऊपर हमने अध्ययन किया और उनमें पाया कि झील के कारण दरारें आ रही हैं. इसके कारण गांव की बुरी स्थिति है. साथ ही इन गांव का भविष्य भी सुरक्षित नहीं है. झील के समीप जो गांव हैं, उन्हें समय रहते सुरक्षित किया जाए, क्योंकि देर सबेर इनको यहां से विस्थापित करना ही पड़ेगा. झील के कारण हर साल घरों में दरारें पड़ रही हैं, क्योंकि झील के आसपास की जो भी पहाड़ियां हैं उनमें परिवर्तन आ रहा है. जैसे ही झील का पानी नीचे होता है तो पहाड़ी सिकुड़ने लग जाती है और जैसे ही पानी ऊपर भरता है तो पहाड़ी खुलने लग जाती है, इसलिए समय रहते हुए भी टिहरी झील के आसपास के गांव को सुरक्षित किया जाए, ऐसा न हो कि जोशीमठ की तरह बाद में कुछ समाधान न हो सके.
Source : News Nation Bureau