जामिया मिलिया, कश्मीर के लोग उत्तराखंड में शांति भंग करने की फिराक में-रावत

मेरे पास फीडबैक है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया और कश्मीर के लोग शांति भंग करने के लिए यहां आये हैं. मैं उन्हें चेतावनी देना चाहता हूं कि यह बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.

मेरे पास फीडबैक है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया और कश्मीर के लोग शांति भंग करने के लिए यहां आये हैं. मैं उन्हें चेतावनी देना चाहता हूं कि यह बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.

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Ravindra Singh
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त्रिवेंद्र सिंह रावत( Photo Credit : फाइल फोटो)

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को कहा कि उनके पास इस बात की खबर है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया और कश्मीर के लोग उत्तेजना पैदा करने तथा शांति भंग करने के लिए उत्तराखंड में घुस चुके हैं. प्रदेश में उपद्रव करने की नीयत से बाहर से यहां आये लोगों को सख्त कार्रवाई की चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि ऐसी चीजों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. यहां एक समारोह के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए रावत ने कहा, 'मेरे पास फीडबैक है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया और कश्मीर के लोग शांति भंग करने के लिए यहां आये हैं. मैं उन्हें चेतावनी देना चाहता हूं कि यह बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.'

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ऐसे तत्वों से प्रदेश में न घुसने की ताकीद करते हुए कहा, 'शांतिपूर्ण विरोध ठीक है लेकिन अगर प्रदेश के बाहर के लोग यहां की जनता को उकसाने और शांति भंग करने के लिए आयेंगे तो हमें उनसे सख्ती से निपटना होगा. 'संशोधित नागरिकता कानून :सीएए: का विरोध करने के लिये आज नैनीताल जिले के हल्द्वानी में धरना शुरू किया गया है . भाजपा के प्रदेश मीडिया इंचार्ज देवेंद्र भसीन ने सीएए के खिलाफ हल्द्वानी में धरना शुरू किये जाने की कड़ी आलोचना करते हुए इसे एक गहरे षडयंत्र का हिस्सा बताया है.

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यहां जारी एक बयान में उन्होंने कहा, 'सीएए के विरूद्ध हल्द्वानी में शुरू किया गया धरना उस षड्यंत्र का हिस्सा है जो कांग्रेस, वामपंथी दलों, सपा व अन्य विरोधी ताकतें केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सरकार और प्रदेशों में भाजपा नेतृत्व की सरकारों को बदनाम करने और वहां अव्यवस्था फैलाने की मंशा से किया जा रहा है.'

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मुख्यमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यहां पढ़ने वाली कश्मीरी छात्रों के संगठन जम्मू-कश्मीर स्टूडेंटस एसोसियेशन ने कहा कि उन्हें इस तरह के 'उकसाने वाले' बयान नहीं देने चाहिए. एसोसियेशन के प्रवक्ता नसीर खुएहामी ने मुख्यमंत्री से अपने शब्द वापस लेने को भी कहा . उन्होंने कहा, 'इस प्रकार के उकसाने वाले बयान देने की बजाय कश्मीरी छात्रों के लिये सुरक्षा सुनिश्चित कीजिये .' 

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