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मैं मार्च में आया हूं, कुंभ में कोरोना टेस्टिंग में फर्जीवाड़े का मामला पुराना : सीएम तीरथ रावत

इससे पहले उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि ''यह एक गंभीर अपराध है, लापरवाही नहीं. कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.''

Updated on: 17 Jun 2021, 05:15 PM

देहरादून:

हरिद्वार कुंभ (Haridwar Kumbh) के दौरान कोरोना टेस्टिंग (Covid19 Testing) में  बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. इसके बाद प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है. एक जांच रिपोर्ट में पता चला है कि उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) की तरफ से कुंभ मेले के दौरान कराई जाने वाली कोरोना टेस्टिंग के लिए एक प्राइवेट एजेंसी ने कम से कम एक लाख फर्जी रिपोर्ट जारी की थीं. इसे लेकर राज्य सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इसे लेकर कहा कि ये मामला बहुत पुराना है. मैंने आते ही इसपर जांच कराई.

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आगे कहा कि ''मैं मार्च में आया हूं और ये मामला बहुत पुराना है. हमें इसकी जानकारी मिली, मैंने आते ही इसपर जांच कराई. हम चाहते हैं कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए. दोषी के खिलाफ सख़्त से सख़्त कार्रवाई होगी.''

इससे पहले उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि ''यह एक गंभीर अपराध है, लापरवाही नहीं. कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.'' उन्होंने कहा कि ''सरकार ने इसको बहुत गंभीरता से लिया है और इस पर एसआईटी बैठाने का निर्णय लिया है जो स्वागत योग्य है. जिन लोगों ने ये किया है, अपराध की पुष्टि होने पर उन पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए.''

क्या है मामला
हरिद्वार में 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक कुंभ उत्सव का आयोजन किया गया था और इस अवधि में 9 एजेंसियों और 22 प्राइवेट लैब्स की तरफ से लगभग चार लाख कोरोना टेस्ट किए गए थे. मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गहरवार की अध्यक्षता वाली एक समिति की तरफ से की गई जांच में प्राइवेट एजेंसी की रिपोर्ट में कई अनियमितताएं पाई गईं. जांच में पाया गया है कि इसमें 50 से ज्यादा लोगों को रजिस्टर्ड करने के लिए एक ही फोन नंबर का इस्तेमाल किया गया था और एक एंटीजन टेस्ट किट से 700 सैंपल्स की टेस्टिंग की गई थी.

ऐसे हुआ खुलासा
मामले का पता तब चला जब प्राइवेट लैब ने पंजाब के एक युवक को कोरोना की रिपोर्ट एसएमएस कर दी. युवक ना तो हरिद्वार कुंभ मेले में शिरकत करने पहुंचा था और ना ही उसने कोविड टेस्ट कराया था. युवक द्वारा इस मामले की शिकायत इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से की गई जिसके बाद आईसीएमआर ने जांच के निर्देश जारी किए गए थे.