/newsnation/media/post_attachments/images/2019/12/19/swamy-60.jpg)
सुब्रमण्यम स्वामी( Photo Credit : फाइल फोटो)
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी की दायर याचिका पर आज उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. उन्होंने सोमवार को हाईकोर्ट में चार धाम देवस्थानम बोर्ड के गठन और चारों धाम और हिमालयी राज्य के 51 अन्य मंदिरों के प्रबंधन के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी. स्वामी के वकील मनीषा भंडारी ने जनहित याचिका उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम, 2019 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देती है, जिसके द्वारा उत्तराखंड राज्य सरकार या राज्य सरकार के अधीन किसी भी प्राधिकरण द्वारा हिंदू धार्मिक संस्थानों के प्रशासन और नियंत्रण को ले लिया गया है.
Char Dham Act - Judgement Day
On Tue at 10 am, the UKD High Court has kept the PIL of Dr Subramanian @Swamy39 for Judgement on the issue of the Uttarkhand Govt take-over of the Char Dham & 50+ temples in Uttarakhand (Devbhoomi)i !!
(Source: @jagdishshetty jee) pic.twitter.com/t6JseyBsf3
— Dharma (@Dharma2X) July 20, 2020
सुब्रमण्यम स्वामी ने भी ट्वीट करते हुए कहा था कि राज्य सरकार के अधिनियम को खत्म करने की मांग को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर उत्तराखंड कोर्ट में पेश होने की उम्मीद करता हूं. उन्होंने कहा कि अधिनियम पूरी तरह से असंवैधानिक और हिंदुत्व की विचारधारा के खिलाफ है. 10 फरवरी को राज्य के पुजारी नियाक के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने स्वामी से मुलाकात की और चार धाम देवस्थानम प्रबंधम अधिनियम 2019 की अधिसूचना की एक प्रति के साथ जनहित याचिका के लिए कई दस्तावेज भी सौंपे. उसी दिन स्वामी ने ट्वीट कर कहा कि उत्तराखंड के 51 मंदिरों के कई पुजारियों ने उनसे मुलाकात की क्योंकि उत्तराखंड की सरकार ने इस सभी मंदिरों का राष्ट्रीयकरण किया है.
Source : News Nation Bureau