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Patanjali Gurukul Eighth anniversary Photograph: (NN)
Patanjali News: हरिद्वार स्थित पतंजलि विश्वविद्यालय के बृहद् सभागार में भारतीय शिक्षा बोर्ड के अंतर्गत संचालित पतंजलि गुरुकुलम् का अष्टम वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर देशभर से आए संत-महात्मा, शिक्षाविद और विद्यार्थी मौजूद रहे. कार्यक्रम में पतंजलि योगपीठ के परामाध्यक्ष बाबा रामदेव जी महाराज ने कहा कि प्राचीन भारत के गुरुकुलों में शिक्षा के साथ चरित्र, नैतिकता और आचरण का भी संस्कार दिया जाता था.
बाबा रामदेव ने बताया कि पतंजलि गुरुकुलम् उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहा है, जहां तीन वर्ष से लेकर बारहवीं तक के विद्यार्थी न केवल ज्ञान अर्जित कर रहे हैं बल्कि संस्कारित भी हो रहे हैं. स्वामी जी ने कहा कि जैसे हमारे ऋषि-मुनियों ने समाज में समानता और एकत्व का संदेश दिया था, वैसे ही पतंजलि गुरुकुलम् भी विद्यार्थियों में विश्व नेतृत्व की भावना का विकास कर रहा है.
गुरुकुल भारत की वैदिक संस्कृति- अवधेशानंद गिरी महाराज
जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज ने गुरुकुलम् को भारत की वैदिक संस्कृति और आर्ष परंपरा का जीवंत उदाहरण बताया. उन्होंने कहा कि पतंजलि गुरुकुलम् मानवीय चेतना के उन्नयन का केंद्र बन चुका है और स्वामी रामदेव द्वारा जलाया गया यह दीप अब पूरे विश्व को प्रकाशित करेगा.
आचार्य बालकृष्ण जी ने कहा कि पतंजलि गुरुकुलम् ने भारतीय संस्कृति और सनातन मूल्यों को नई शक्ति दी है. यहां के विद्यार्थी केवल शिक्षित नहीं बल्कि संस्कारित नागरिक बनकर समाज का गौरव बढ़ा रहे हैं.
स्वामी चिदानंद मुनि ने भी गुरुकुल को सराहा
स्वामी चिदानंद मुनि सरस्वती ने कहा कि पतंजलि गुरुकुलम् भारत के वास्तविक इतिहास और सनातन संस्कृति को नई पीढ़ी के सामने लाने का कार्य कर रहा है. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत को भारत की दृष्टि से देखा जाए.
महामण्डलेश्वर हरिचेतना नंद जी महाराज ने स्वामी रामदेव को आधुनिक युग में संत परंपरा की सशक्त कड़ी बताया और कहा कि उन्होंने पतंजलि गुरुकुलम् के माध्यम से सनातन संदेश को विश्वभर में पहुंचाया है.
कई विद्वान और संत-महात्मा रहे मौजूद
कार्यक्रम में शैक्षणिक, खेलकूद और शास्त्र प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया. विभिन्न गुरुकुलों के विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस अवसर पर साध्वी भगवती जी, डॉ. एन.पी. सिंह, माता गुलाब देवी, डॉ. यशदेव शास्त्री समेत अनेक संत-महात्मा और विद्वान उपस्थित रहे. समारोह का समापन वैदिक मंगल ध्वनि और आशीर्वाद के साथ हुआ.
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