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सरकार का बजट अर्थव्यवस्था को डैमेज करने वाला : जोत सिंह बिष्ट

विधानसभा के बजट सत्र के पहले और दूसरे दिन विपक्ष और सत्तापक्ष के विधायकों के प्रश्नों का उत्तर देने में सत्ता पक्ष के मंत्री जवाब देने में लड़खड़ाते नजर आए.

Updated on: 15 Jun 2022, 08:50 PM

नई दिल्ली :

विधानसभा के बजट सत्र के पहले और दूसरे दिन विपक्ष और सत्तापक्ष के विधायकों के प्रश्नों का उत्तर देने में सत्ता पक्ष के मंत्री जवाब देने में लड़खड़ाते नजर आए. सरकार द्वारा कल जो बजट पेश किया गया उसमें राज्य के बेरोजगार नौजवानों खासकर वह लोग जो 2020 और 2021 में कोरोना के लॉक डाउन के दौर से बेरोजगार होकर घर बैठे हैं. पलायन रोकने तथा उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कोई ठोस प्रावधान नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि यह बजट भाजपा के नेताओं के जुमलों की तरह बहुत लोग लुभावना लगता है. लेकिन बारीकी से अध्ययन करने पर पता चलता है कि बजट में आम आदमी की आय बढ़ाने के लिए प्रावधान करने के बजाए ,लोगों को बेरोजगारी से जूझने के लिए छोड़ दिया गया है. 

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उन्होंने कहा कि सरकार अपने खर्च चलाने एवं विकास योजनाओं तथा जल कल्याणकारी योजनाओं के संचालन के लिए अपने संसाधन बढ़ाने के बजाय लगातार कर्ज लेकर राज्य की जनता पर कर्ज का बोझ लग रही है. उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार का नारा भी फेल होता दिख रहा है. भाजपा सरकार की प्राथमिकता सूची में गैरसैंण अब गैर हो गया है ,यही कारण है कि ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने के बावजूद पुष्कर सिंह धामी. जैसे युवा मुख्यमंत्री भी विधानसभा का ग्रीष्मकालीन सत्र गैरसैंण में कराने का साहस नहीं कर पाए. साथ ही गैरसैंण में राजधानी निर्माण के लिए ना पिछले 5 साल में और ना इस बजट में ₹1 का प्रावधान किया गया है.

उससे साफ प्रतीत होता है कि भाजपा की यह सरकार पहाड़ी क्षेत्रों के विकास की उपेक्षा के लिए कृत संकल्पित है. सरकार को चाहिए था कि राज्य से कर्ज का बोझ कम करने के लिए राज्य में बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ने के लिए तथा किसानों की हकीकत में आए बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से एक लाख करोड़ का आर्थिक पेकेज लेकर आती.