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चमोली हादसे के बाद नई पनबिजली परियोजनाओं पर सरकार ने लगाया प्रतिबंध

उत्तराखंड में आई दैवीय आपदा के बाद सरकार ने चमोली में किसी भी तरह की नई पनबिजली परियोजनाओं को लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. उत्तराखंड के चमोली हादसे से 2 साल पहले इन प्रोजेक्ट्स को लेकर इस बात की चिंता भी जाहिर की गई थी.

Updated on: 15 Feb 2021, 01:04 PM

highlights

  • सरकार ने सभी पनबिजली परियोजनाओं पर रोक लगाई
  • हादसे के बाद चमोली की परियोजनाओं पर रोक लगाई
  • राहत एवं बचाव का काम अभी जारी है, अबतक 55 शव बरामद

नई दिल्ली:

उत्तराखंड में आई दैवीय आपदा के बाद सरकार ने चमोली में किसी भी तरह की नई पनबिजली परियोजनाओं को लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. उत्तराखंड के चमोली हादसे से 2 साल पहले इन प्रोजेक्ट्स को लेकर इस बात की चिंता भी जाहिर की गई थी कि यहां पर कभी भी ऐसी दुर्घटना हो सकती है. 7 फरवरी आए इस जलजले में हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. अभी तक लापता लोगों की तलाश जारी है. उत्तराखंड के ऋषिगंगा क्षेत्र में आई त्रासदी के बाद यहां एक सुरंग (टनेल) में लापता लोगों की तलाश अभी भी जारी है. जल स्तर बढ़ने से पूरी सुरंग मलबे से भर गई थी. अब इस सुरंग में करीब 150 मीटर से भी ज्यादा मलबा साफ किया जा चुका है.

इसके अलावा लोगों के रेस्क्यू के लिए अब यहां ड्रिलिंग का काम भी शुरू कर दिया गया है. एनटीपीसी ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि करीब 10 से 12 घंटे में सुरंग के भीतर की जानकारी मिल सकेगी. वहीं तपोवन बांध बैराज के संवेदनशील स्थल पर रेस्क्यू दल को जोखिम नहीं लेने को कहा गया है. इस स्थल पर फंसे लोगों के जिंदा होने की संभावना नहीं है. इसलिए यहां स्थिति सामान्य होने पर तलाश की जाएगी.

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त्रासदी में लापता 164 लोगों की तलाश जारी
उत्तराखंड के ऋषिगंगा क्षेत्र में आई त्रासदी के बाद अभी भी प्रशासन को 164 लापता लोगों की तलाश है. उत्तराखंड सरकार के मुताबिक रविवार सुबह तक मलबे में से 55 शव निकाले जा चुके हैं. इनमें से केवल 13 मृतकों की शिनाख्त हो सकी है जबकि 27 व्यक्तियों की शिनाख्त होना अभी बाकी है. गढ़वाल मंडल आयुक्त रविनाथ रमन ने तपोवन आपदा के राहत, बचाव एवं खोजबीन कार्य में तैनात विभाग और संस्थान के संबंधित अधिकारियों के साथ सुरंग एवं खोज बचाव कार्य प्रगति की एक बैठक ली. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सुरक्षा के मद्देनजर सर्च एवं रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाना सुनिश्चित करें.

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राहत एवं बचाव कर्मियों की तैनाती जारी
उन्होंने क्रमवार राहत एवं बचाव कार्य में जुटे जिला प्रशासन, आर्मी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, एनटीपीसी, पुलिस प्रशासन आदि की अद्यतन कार्यों की जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए. रेस्क्यू कार्य में आ रही समस्या के बारे में भी जानकारी ली गई. यहां स्वास्थ्य विभाग के प्रगति कार्य की जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं. साथ ही आईटीबीपी के संबंधित अधिकारी को ऋषिगंगा में जवानों की तैनाती बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं.