उत्तराखंड के ज्यादातर स्थानों पर हो रही भारी बारिश के चलते प्रदेश की छोटी-बड़ी नदियां उफान पर हैं. हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान को पार कर गयी है और ऋषिकेश में यह खतरे के निशान से महज कुछ सेंटीमीटर नीचे बह रही है. उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के उपमंडल अधिकारी विक्रांत सैनी ने बताया कि हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान को पार कर गयी है.
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गंगा के उफान पर होने से हरिद्वार जिले की लक्सर तहसील के कल्सिया, शेरपुर बेला, डुमनपुरी, हिम्मतवाला आदि दर्जनों गांवों की धान और गन्ने की तीस हजार बीघा फसल को नुकसान पहुंचा है. इस क्षेत्र के 30 गांवों के ग्रामीणों को सतर्क कर दिया गया है. हरिद्वार के जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी के निर्देश पर बाढ़ चौकियां बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दिन -रात निगरानी कर रही हैं.
लक्सर के उपजिलाधिकारी पूरण सिंह राणा ने बताया कि क्षेत्र के ग्रामीणों को सतर्क कर दिया गया है तथा आबादी वाले क्षेत्रों में सतत निगरानी रखी जा रही है. उन्होंने कहा कि गंगा का जलस्तर बढ़ा तो ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया जाएगा. उधर, ऋषिकेश में भी आज सुबह आठ बजे गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी रेखा को पार कर खतरे के निशान से महज 28 सेंटीमीटर नीचे रह गया है.
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गंगा के उफान के कारण त्रिवेणी घाट जलमग्न हो गया और वहां पार्किंग में खड़े तीन वाहनों को मुश्किल से बाहर निकाला गया. ऋषिकेश के चन्द्रेश्वर नगर के निचले इलाकों में बरसाती नालों का पानी घरों में घुस गया जिसके बाद बाढ़ग्रस्त क्षेत्र के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.
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