उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत को सता रहा है ऐसा डर, ककड़ी पार्टी से पहले कही ये बात
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है.
देहरादून:
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज शाम को ककड़ी पार्टी का आयोजन किया है. लेकिन इससे पहले ही विधायकों की खरीद-फरोख्त के स्टिंग को लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई का सामना कर रहे कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने बीजेपी सरकार पर तंज सकते हुए कहा कि मैं ककड़िओं के जखीरे के साथ देहरादून पहुंच गया हूं, डर है कहीं मेरे ऊपर मुकदमा दर्ज न कर दिया जाए.
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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा, 'मैं ककड़िओं के एक बड़े जखीरे के साथ, जिसमें पीली ककड़ियां ज्यादा हैं, देहरादून पहुंच गया हूं. डर इस बात का है कि कहीं त्रिवेंद्र सिंह सरकार मुझे जखीरेबाज घोषित कर मेरे ऊपर मुकदमा दायर ना कर दे.'
मैं, ककड़ियों के एक बड़े जखीरे के साथ, जिसमें पीली ककड़ियां ज्यादा हैं, देहरादून पहुंच गया हूं। डर इस बात का है, कहीं त्रिवेन्द्र सिंह सरकार मुझे जखीरेबाज घोषित कर, मेरे ऊपर मुकदमा दायर न कर दें।
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) September 28, 2019
उन्होंने आगे लिखा, 'यदि बिना किसी अपराध के मुझे CBI की जांच का मोहरा बनाया जा सकता है, तो ककड़ी का जखीरा मेरे पास पकड़ा ही जाएगा. बस इतनी सी डर है, जब आप आयेंगे, तब जखीरा खत्म हो जाएगा, तो मुझे भी बड़ा संतोष होगा कि अब त्रिवेन्द्र सरकार के पास कोई साक्ष्य नहीं रहेगा. मुझको जखीरेबाज घोषित करने का.'
यदि बिना किसी अपराध के मुझे C.B.I. की जांच का मोहरा बनाया जा सकता है,तो ककड़ी का जखीरा मेरे पास पकड़ा ही जायेगा,बस इतनी सी डर है,जब आप आयेंगे,तब जखीरा खत्म हो जायेगा,तो मुझे भी बड़ा संतोष होगा कि,अब त्रिवेन्द्र सरकार के पास कोई साक्ष्य नहीं रहेगा, मुझको जखीरेबाज घोषित करने का।
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) September 28, 2019
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इससे पहले हरीश रावत ने कई और ट्वीट पर राज्य सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि एक नारा भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉरलेन्स का सुनाई देता है. ऐसे लोग जो सत्ता में हैं या सत्ता में रहे हैं, अपनी सम्पत्तियों का पब्लिक ऑडिट क्यों नहीं करवा लेते हैं, कोई भी नारा तभी प्रभावी होता है. जब आप खुद उसका अनुकरण कर रहे हों. रावत ने कहा कि सब चुप हैं यहां तक की मेरे पीछे लठ्ठ लेकर दौड़ने वाले भी इन तीनों एसआईटीज को डम्प कर दिया गया है. उस पर चुप्पी साध कर के बैठे हैं.
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