Dharali Exclusive Report: धराली पर टूटे तबाही के मलबे ने इस हंसते खेलते इलाके को उजाड़ कर रख दिया. करीब 30 फीट से 60 फीट मलवे में दफन धराली में आज भी रेस्क्यू की अड़चनों का अंबार लगा हुआ है. मौके पर अभी तक ना हाईटेक थर्मल सेंसिंग उपकरण पहुंच पाए हैं और ना ही खुदाई की बड़ी मशीनें. लेकिन इन चुनौतियों के बावजूद भारतीय सेना, एयरफोर्स, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और उत्तराखंड की दूसरी एजेंसियां पूरी ताकत से रेस्क्यू को अंजाम दे रही हैं. देखिए रिपोर्ट.
अरबों-खरबों टन मलबे के सैलाब ने धराली को मानों निगल लिया
मलबे के सैलाब ने 5 अगस्त को धराली पर धावा बोला था. अरबों खरबों टन मलबे के सैलाब ने धराली को मानों निगल लिया. सिर्फ 34 सेकंड में पूरा धराली दलदल में दफन हो गया. 5 अगस्त को करीब 1:30 बजे उस विपदा से ठीक पहले धराली जैसा था अब वैसा नहीं रहा. सूत्रों के मुताबिक धराली के 80 एकड़ इलाके में मलबा भर गया है. धराली के कई हिस्सों में 30 से 60 फीट तक मलबा पसरा है. 5 अगस्त को धराली ने जो भोगा वो तस्वीरें आज भी देखने वालों में सिहरण पैदा कर देती है. उस सैलाब की दहशत आज भी चश्मदीदों के दिलों में बनी हुई है.