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देहरादून: आम आदमी पार्टी ने अग्निपथ स्कीम का किया विरोध, सरकार के खिलाफ हल्ला बोल 

केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई अग्निपथ योजना के खिलाफ पूरे देश में हो रहे प्रदर्शनों पर युवाओं पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में आज आम आदमी पार्टी ने देहरादून के लैंसडाउन चौक पर केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोलते हुए पुतला दहन किया.

Updated on: 19 Jun 2022, 10:30 PM

नई दिल्ली:

केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई अग्निपथ योजना के खिलाफ पूरे देश में हो रहे प्रदर्शनों पर युवाओं पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में आज आम आदमी पार्टी ने देहरादून के लैंसडाउन चौक पर केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोलते हुए पुतला दहन किया. इस दौरान आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि केंद्र द्वारा लगातार युवाओं को भ्रमित किया जा रहा है. सेना के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है. इसे आम आदमी पार्टी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने बताया कि सेना से प्रमुख पदों से रिटायर हुए कई सैन्य अधिकारी भी इस योजना का विरोध कर रहे हैं.

आम आदमी पार्टी ने मांग की है कि जल्द ही अग्नीपथ योजना को खत्म कर पुरानी सेना में भर्तियों की बहाली की जाए ताकि युवाओं के साथ किसी भी तरह का छल ना हो सके. उन्होंने कहा कि पहली बार केन्द्र सरकार को प्रशासन के सहयोग से लोगों को इस योजना के बारे में समझाने को मजबूर होना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि अगर ये योजना ठीक होती तो लोग इसको हाथों हाथ लेते लेकिन इस योजना के खिलाफ युवा सड़कों पर उतर आए हैं.

जोत सिंह बिष्ट ने बताया कि युवाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आम आदमी पार्टी आज प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रर्दशन कर रही है. उन्होंने कहा कि ये योजना सिर्फ युवाओं के लिए ही नहीं बल्कि सेना के लिए भी गलत है. इसीलिए इसका पूरा देश में युवा विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहां की इस योजना से जहां युवाओं को कमजोर करने का काम किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर 75 सालों में पहली बार इस देश में सेना में ठेकेदारी प्रथा को शुरू करने का काम केंद्र सरकार ने किया है.

जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि केंद्र सरकार अपनी आर्थिक बदहाली को छुपाने के लिए इस तरह का कृत्य कर रही है जिससे उनकी कृत्यों पर पर्दा गिर सके. उन्होंने कहा कि देश की तमाम कंपनियों को बेच कर भी देश की अर्थव्यवस्था को सही ना कर पाना केंद्र की बहुत बड़ी खामी है. इसलिए सरकार को फौरन इस योजना को बंद करते हुए अपनी नाकामी को स्वीकार करना चाहिए और अपने आप को सत्ता से बेदखल करना चाहिए.