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महिलाओं की बदहाली के लिए ठहराया कांग्रेस जिम्मेदार- आतिशी

उन्होंने कहा कि घर का खर्च कैसे चलाना है यह दर्द सिर्फ महिलाएं ही जान सकती हैं. लेकिन इतनी सरकारे आज तक यहां आई और गई किसी ने भी महिलाओ के विकास के बारे मे नहीं सोचा.

Updated on: 26 Dec 2021, 08:28 PM

नई दिल्ली:

आज आप की दिल्ली विधायक आतिशी आज उत्तराखंड के दौरे के तीसरे दिन देहरादून की रायपुर विधानसभा में महिला संवाद के लिए पहुंची. जहां पहुंचते ही उनका आप कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया. इसके बाद उन्होंने यहां महिला संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान महिलाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने, सबसे पहले भारत माता ,इंकलाब जिंदाबाद और वन्दे मातरम के जयकारे लगाए. उन्होंने सभी को नमन करते हुए कहा कि मैं समझती हूं कि जब किसी महिला को घर से बाहर निकलना पडता है तो उसका काम दोगुना हो जाता है लेकिन इसके बावजूद भी उस महिला को घर के कामों से छुट्टी नहीं मिलती. महिलाओं को साल के 365 दिन तक काम करना पडता है.

उन्होंने कहा कि महिलाओ की मेहनत से ही देश और समाज आगे चलता है. उन्होंने कहा कि हम उत्तराखंड बचपन से आ रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा, यहां की महिलाएं पुरुषों से दो कदम आगे चलती हैं. यहां की महिलाएं बहुत मेहनती होती हैं. उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण में यहां की मातृशक्ति का बहुत बडा योगदान रहा है. यहां की महिलाओ ने अपना घर बार,अपने बच्चों को छोडकर अलग राज्य के आंदोलन मे बढ चढकर भाग लिया और कई महिलाओं ने अपनी शहादतें तक इस प्रदेश के निर्माण के लिए दे दी.

उन्होंने कहा कि इस राज्य को बने 21 साल हो गए लेकिन 21 सालों में आजतक महिलाओं को क्या मिला. जब राज्य बन रहा था तो यहां की महिलाएं आंदोलन में सबसे आगे खडी थीं ,उन्होंने अपनी जान की बाजी तक लगा दी. लेकिन सरकारें बनने के बाद इन महिलाओ को राज्य बनने के 21 साल बाद भी कांग्रेस बीजेपी ने महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा कि महिलाएं आज पूछ रही है कि वो वोट देती हैं और उनके वोट से नेता जीतते हैं कांग्रेस या फिर बीजेपी की सरकार बनती है लेकिन सरकार बनने के बावजूद भी उन महिलाओं और अन्य लोगों के जीवन पर कोई भी फर्क नहीं पडता है. आज महिलाओं के जीवन का सफर बिल्कुल नहीं बदला है/

उन्होंने कहा कि अगर कुछ परिवर्तन दिखता है तो वो ये कि छोटी गाडियों में घूमने वाले नेताओ की गाडियां बडी हो जाती हैं. छोटे छोटे घर बडे बडे घरो में तब्दील हो जाते हैं. वोट मांगने से पहले ऐसे नेताओं के सरकारी बैंकों मे खाते होते हैं लेकिन सरकार बनने के बाद इनके खाते स्विस बैंक में खुल जाते हैं. यही बदलाव दिखता है. आज मंहगाई के दौर में घर का खर्चा चलाना मुश्किल है. अगर किसी महीने कोई त्योहार आ जाए तो घर का बजट गडबडा जाता है.

उन्होंने कहा कि घर का खर्च कैसे चलाना है यह दर्द सिर्फ महिलाएं ही जान सकती हैं. लेकिन इतनी सरकारे आज तक यहां आई और गई किसी ने भी महिलाओ के विकास के बारे मे नहीं सोचा. सरकारों ने मंहगाई बढाने के आलावा कुछ नहीं किया है. उन्होंने कहा, सिलेंडर,बिजली,पानी,आटा,दाल,रसोई गैस,स्कूल सबकुछ मंहगा हो चुका है. हमने कांग्रेस और बीजेपी को वोट दिया लेकिन इन दोनों दलों ने अपने विकास के सिवाय और कुछ नहीं सोचा है. लेकिन अगर जनता के लिए कोई कुछ सोचता है तो वो अरविंद केजरीवाल हैं.