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उत्तराखंड के गांवों की हालत आज भी बद से बदतर: कोठियाल

आज आम आदमी पार्टी के सीएम प्रत्याशी कर्नल कोठियाल ने गंगोत्री विधानसभा के कई सुदूरवर्ती गांवों में अपना डोर टू डोर जनसंपर्क अभियान को जारी रखा. बेहद ठंड और बारिश के बावजूद कर्नल कोठियाल के जोश में कोई कमी नहीं है वो अपने अभियान की शुरुवात तड़के शुरू

Updated on: 20 Jan 2022, 08:01 PM

नई दिल्ली :

आज आम आदमी पार्टी के सीएम प्रत्याशी कर्नल कोठियाल ने गंगोत्री विधानसभा के कई सुदूरवर्ती गांवों में अपना डोर टू डोर जनसंपर्क अभियान को जारी रखा. बेहद ठंड और बारिश के बावजूद कर्नल कोठियाल के जोश में कोई कमी नहीं है वो अपने अभियान की शुरुवात तड़के शुरू करते हुए देर रात तक डोर टू डोर जनसंपर्क कर रहे हैं. आज भी उन्होंने बारिश और ठंड के बावजूद कई गांवों में जनसंपर्क किया जिसमें कोटियाल ग्राम सभा,बोंगा ग्राम सभा और भेलुडा ग्राम सभा,क्यान,एडाल गांव और कोटि गांव हैं. जहां उनका स्थानीय लोगों ने पारंपरिक तरीके से स्वागत करते हुए उन्हें तिलक लगाकर शगुन भी दिया.  इसके बाद उन्होंने कई घरों में जाकर डोर टू डोर प्रचार भी किया और लोगों से बातचीत करते हुए जहां उनकी समस्याएं सुनी.

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इस दौरान लोगों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्यौहार 2022 का पर्व 14 फरवरी को मनाया जाएगा. आप पार्टी किस तरीके से जनता के लिए सोचती है और जनता के लिए किन मुद्दों पर काम करेगी आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता डोर टू डोर हर घर जाकर लोगों से मिलकर उनको आप की नीतियां समझा रहे हैं.  उन्होंने कहा कि हम गंगोत्री विधानसभा के कई गांव का दौरा कर चुके हैं और आज हमने इन गांवों का दौरा करते हुए मां राज राजेश्वरी और मां जगदंबा का आश्रीवाद लिया.

उन्होंने बताया कि अपने गंगोत्री विधानसभा प्रवास के दौरान हमको क्षेत्र में बहुत ही अच्छा रिस्पांस मिल रहा है.  हम जहां जहां जा रहे हैं वहां वहां लोग हमारा फूल मालाओं से स्वागत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यहां के लोग टीका लगातार उन्हें शगुन में पैसे भी दे रहे हैं जो लोग राज्य के नवनिर्माण के लिए इसे अपने योगदान के रुप में हमें दे रहे हैं.  युवा मनीष ने अपने सारे मुख्य कार्य छोड़कर आज हमको अपने रिश्तेदारों के साथ-साथ ग्रामीण लोगों से भी मिलवाया यह युवा यूथ फाउंडेशन का सदस्य रह चुका है. मनीष पढ़ाई में बहुत ही ज्यादा होनहार है लेकिन अफसोस कि सरकारी स्कूलों में अच्छी शिक्षा व्यवस्था ना होने के चलते वह सेना में भर्ती नहीं हो पाया क्योंकि उसके थोड़े से अंक कम थे.