कुम्भ में लोग बेरोकटोक आएं, पर गाइडलाइन का पालन जरूरी : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा, "दिव्य और भव्य कुम्भ बनाने के लिए हमारी तैयारी पूरी है. जनता आए और पूरी तरह गंगा स्नान करके जाए. इतना जरूर है कि कुम्भ के लिये भारत सरकार की ओर से जारी कोविड गाइडलाइन का पालन करें.
highlights
- सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा, दिव्य और भव्य कुम्भ बनाने के लिए हमारी तैयारी पूरी है
- 'जनता आए और पूरी तरह गंगा स्नान करके जाए, अनावश्यक रोकटोक या सख्ती नहीं रहेगी'
- 'भारत सरकार की ओर से जारी कोविड गाइडलाइन का पालन करें'
देहरादून:
कुंभ की तैयारियों को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि पूरे मेला क्षेत्र को स्वच्छ और साफ रखने के दिशा-निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि शंकराचार्यों, साधु-संतों और अखाड़ों से बातचीत हुई है, उसके क्रम में शासन-प्रशासन पूरा सहयोग करेगा. हरिद्वार में महाशिवरात्रि और सोमवती अमावस्या के अवसर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु आए. हरिद्वार कुम्भ मेला प्रशासन एवं उत्तराखंड सरकार के मुताबिक हरिद्वार कुम्भ में सभी लोग बिना रोकटोक के बड़ी संख्या में आएं, पर भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन जरूरी है. आगामी स्नानों में राज्य सरकार साधु-संतों का और भव्य-दिव्य अभिनंदन करने की तैयारी में है. महाशिवरात्रि पर शाही स्नान के दौरान भी साधु-संतों के अभिनंदन के लिए हैलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कराई गई.
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा, "दिव्य और भव्य कुम्भ बनाने के लिए हमारी तैयारी पूरी है. जनता आए और पूरी तरह गंगा स्नान करके जाए. इतना जरूर है कि कुम्भ के लिये भारत सरकार की ओर से जारी कोविड गाइडलाइन का पालन करें, बाकी अनावश्यक रोकटोक या सख्ती नहीं रहेगी."
मुख्यमंत्री रविवार को रावत राजकीय ऋषिकुल आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय पहुंचे. यहां उन्होने मदन मोहन मालवीय ऑडिटोरियम में समदृष्टि, क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल (सक्षम) की ओर से आयोजित नेत्र महाकुम्भ का उद्घाटन किया.
रावत ने कहा कि सक्षम संस्था के द्वारा नेत्र महाकुम्भ आयोजित किया गया है, जिसके शुभारंभ के अवसर पर मुझे आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. उन्होंने कहा कि नर सेवा नारायण सेवा, वसुधैव कुटुम्बकम और सर्वे भवंतु सुखिना, सर्वे संतु निरामया का भाव लेकर हम भारतीय चलते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सक्षम संस्था के द्वारा उन दिव्यांगों को, जो पांव से कमजोर हैं, दृष्टि से कमजोर हैं, को उपकरण देने का जो काम किया जा रहा है, इसके लिए मेरी तरफ से बहुत बहुत साधुवाद और धन्यवाद. यही नहीं हंस फाउंडेशन की माता मंगला की ओर से भी जिस प्रकार सेवा की जा रही है, वह अनुकरणीय है.
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