Chamoli Rescue: उत्तराखंड के चमोली में भयंकर बर्फीले तूफान के कारण हुए हिमस्खलन में आठ लोगों की मौत हो गई. बीते दो दिनों से यहां पर बचाव अभियान जारी था. मगर अब इस पर विराम लग गया है. चमोली के माणा इलाके में बीआरओ कैंप के 55 श्रमिक बीते शुक्रवार को बर्फीले तूफान की चपेट में आ गए थे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बर्फ में दबा आठवां शव मिल चुका है. रविवार शाम चार बजकर 43 मिनट पर अंतिम लापता कर्मचारी का शव मिल गया.
बर्फबारी के कारण हुई समस्या
हिमस्खलन की चपेट में आए 55 श्रमिकों में से 46 को बचाया जा चुका है. इस दौरान एक श्रमिक खुद अपने घर पर पहुंच गया. वहीं आठ अन्य लापता श्रमिकों के शव बरामद हो चुके हैं. लापता लोगों में चार के शव रविवार को बरामद हो चुके हैं. इस बचाव अभियान में भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, सीमा सड़क और राज्य सरकार ने ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया था. इस दौरान अथक प्रयास के बाद यहां पर कई लोगों की जान बचाई जा सकी. इस इलाके में बारिश और बर्फबारी के कारण इस तरह समस्याएं देखने को मिल रही हैं. भारतीय सेना ने सभी सैनिकों और कर्मियों के प्रयास की तारीफ की है. बचाव अभियान में देरी की वजह खराब मौसम बताया जा रहा है.
हेलीकॉप्टर की मदद से कई घायलों को निकाला
इस अभियान की निगरानी सेना की मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने की है. उनकी देखरेख में यह बचाव अभियान चलाया गया. उन्होंने बचाव अभियान के लिए विशेष टोही रडार, यूएवी, क्वाडकॉप्टर और हिमस्खलन बचाव में माहिर कुत्तों को काम पर लगाया. सेना के हेलीकॉप्टर लगातार जरूरी उपकरणों को आगे पहुंचाने के काम में लगे थे. हेलीकॉप्टर की मदद से कई घायलों को निकालकर अस्पताल में पहुंचाया गया. चमोली के जिला मजिस्ट्रेट संदीप तिवारी के अनुसार, "कल, डॉक्टरों ने चार मौतों की पुष्टि की. पहले, कुल संख्या 55 थी, लेकिन अब हमारे पास जो आंकड़ा है, उसमें एक एक कर्मचारी छुट्टी पर था, और वह घर पर है. कुल संख्या घटकर 54 हो गई है. "