अनाथ और असहाय बच्चों को घर बुलाकर जिलाधिकारी ने खिलाया खाना, खूब की मस्ती

आमतौर पर सरकारी अफसरों को कड़क मिजाज और रूखे स्वभाव का माना जाता है, मगर उनके दिल में भी भावनाओं का ज्वार होता है.

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Dalchand Kumar
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अनाथ और असहाय बच्चों को घर बुलाकर जिलाधिकारी ने खिलाया खाना, खूब की मस्ती

आमतौर पर सरकारी अफसरों को कड़क मिजाज और रूखे स्वभाव का माना जाता है, मगर उनके दिल में भी भावनाओं का ज्वार होता है. ऐसा ही नजारा उत्तराखंड के चमोली में देखने को मिला, जहां जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने आंगनवाड़ी और प्राथमिक विद्यालयों के 2 दर्जन से अधिक अनाथ बच्चों को अपने घर पर बुलाया और उन्हें खाना खिलाया. ये सभी बच्चे अनाथ, असहाय, दिव्यांग एवं एकल परिवार के थे. चाइल्ड हेल्प लाइन की ओर से इन बच्चों का रेस्क्यू किया गया था.

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इतना ही नहीं जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बच्चों के साथ काफी समय बिताया. जिलाधिकारी ने अनाथ बच्चों से बात की और उनकी प्रतिभा के लिए प्रतियोगिता करवाई. इस दौरान बच्चों ने डांस किया और गाना भी सुनाया. उनको स्कूल बैग, कॉपी, कपड़े आदि दिए गए. डीएम ने खेल-खेल में बच्चों को जीवन में लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ने और अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए प्रेरित किया.

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बच्चों ने जिलाधिकारी को अपनी व्यक्तिगत जिंदगी और परेशानी के बारे में भी बताया. जिसके बाद डीएम ने बच्चों की हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया.

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जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने कहा कि अनाथ और असहाय बच्चे भी समाज का अभिन्न अंग हैं. ऐसे बच्चों को समाज से जोड़े रखने और समाज के साथ चलाने के लिए हमें सभी प्रयास करने चाहिए. जिलाधिकारी ने चाइल्ड हेल्प लाइन को ऐसे अनाथ और असहाय बच्चों की नियमित मॉनिटरिग के साथ-साथ उनकी समस्याओं को भी दूर करने के लिए कहा.

Source : Dalchand

chamoli Uttarakhand Chamoli district
      
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