Badrinath Dham: 235 वर्ष बाद बद्रीनाथ धाम में शुरू होगी अनूठी परंपरा, जानिए कब बंद हो रहे हैं कपाट
बद्रीनाथ धाम के कपाट इस बार वर्ष 19 नवंबर यानी आज बंद हो रहे हैं.
highlights
- बद्रीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को होंगे बंद
- अप्रैल 2023 या मई की शुरुआत में दोबारा खुलेंगे कपाट
- दो सदियों के बाद शुरू आज शुरू हो रही अनूठी परंपरा
New Delhi:
Badrinath Dham: देवभूमि कही जाने वाले उत्तराखंड (Uttarakhand) के चार धामों में से एक बद्रीनाथ धाम पर हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. पहाड़ों पर बने इस धाम को हर वर्ष 6 महीने के खोल और 6 महीने भक्तों के लिए बंद रखा जाता है. बद्रीनाथ धाम के कपाट इस बार वर्ष 19 नवंबर यानी आज बंद हो रहे हैं. यानी अब श्रद्धालुओं को कुछ महीनों का इंतजार करना होगा. लेकिन इस वर्ष एक खास बात है जो बद्रीनाथ के भक्तों को काफी खुश कर देगी. दरअसल 235 वर्ष बाद बद्रीनाथ में एक प्रचीन परंपरा को दोबारा शुरू किया जा रहा है. आइए जानते हैं कि क्या है वो परंपरा जो दो सदियों के बाद दोबारा शुरू हो रही है और क्या है बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया.
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Uttarakhand | The portals of Badrinath Dham will be closed for winter at 3.35 pm today. Tomorrow on November 20, Devdolis will leave for Pandukeshwar (Joshimath): Shri Badrinath-Kedarnath Temple Committee President Ajendra Ajay to ANI
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 19, 2022
(File photo) pic.twitter.com/qVTz57BBNH
क्या है बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया
बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद करने में करीब पांच दिन का वक्त लगता है. यानी जिस दिन कपाट बंद होते हैं, इसके पांच दिन पहले से ही ये प्रक्रिया शुरू हो जाती है. इसमें सबसे पहले गणेश जी के कपाट को बंद किया जाता है. इसके बाद खड़ग पुस्तक की पूजा की जाती है. जबकि इसके बाद माता लक्ष्मी का आह्वान होता है, इस आह्वान लक्ष्मी जी से विनती की जाती है कि, वे भगवान विष्णु के साथ इस स्थान पर बिराजें. इन सब के बाद आखिर में बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाते हैं.
बद्रीनाथ धाम में 235 वर्ष बाद शुरू हो रही ये खास परंपरा
इस वर्ष बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होते वक्त हर कोई एक खास परंपरा का गवाह बनेगा. ये परंपरा एक दो नहीं बल्कि 235 वर्षों यानी दो सदियों के बाद शुरू होने जा रही है. इस परंपरा को लेकर हर कोई उत्साहित है. इस अनूठी परंपरा की बात करें तो बद्रीनाथ के कपाट बंद होते वक्त ऐसा पहली बार होगा जब, उस दौरान ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य उपस्थित रहेंगे.
इस बार जब बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे तो अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज भी मौजूद रहेंगे. अब से करीब ढाई सौ वर्ष पूर्व इसी परंपरा के तहत बद्रीनाथ कपाट को बंद किया जाता था.
इस वक्त बंद होंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट
बद्रीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को दोपहर 3.35 बजे बंद किए जाएंगे. इसके बाद धाम के कपाट गर्मियों में खोले जाते हैं. यानी अप्रैल 2023 के अंतिम सप्ताह या मई के शुरुआती हफ्ते में दोबारा भक्तों के लिए बद्रीनाथ धाम समेत अन्य धामों के भी कपाट खोले जाएंगे.
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