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आप ने कहा, पुष्कर के राज में धराशायी हुई चारधाम यात्रा, धामी भी साबित हुए जीरो वर्क सीएम 

कोरोना महामारी के चलते दो साल के बाद चारधाम यात्रा शुरू होने से प्रदेश वासियों को एक उम्मीद जगी थी, लेकिन धामी सरकार की लचर व्यवस्थाओं से चारधाम यात्रा पर पूरी तरह पानी फिर गया है.

Updated on: 29 Sep 2021, 06:51 PM

highlights

  • चारधाम यात्रा मेंअव्यवस्थाओं का बोलबाला,फेल हुआ सरकारी तंत्र
  • चारधाम यात्रा से नाउम्मीद हुए व्यापारी और यात्री
  • सरकार की अनदेखी और लापरवाही से बिना दर्शन लौट रहे श्रद्धालु  

देहरादून:

पुष्कर सिंह धामी भी पूर्व मुख्य मंत्रियों टीएसआर 1,टी एसआर 2 की तरह जीरो वर्क सीएम साबित हो रहे हैं. इनके कार्यकाल में चारधाम यात्रा पूरी तरह चौपट हो चुकी है और प्रदेश की आर्थिकी पर इसका गहरा असर पड रहा है. इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश में चल रही चारधाम यात्रा में अव्यवस्था चरम पर है. कोरोना महामारी के चलते दो साल के बाद चारधाम यात्रा शुरू होने से प्रदेश वासियों को एक उम्मीद जगी थी, लेकिन धामी सरकार की लचर व्यवस्थाओं से चारधाम यात्रा पर पूरी तरह पानी फिर गया है. ये आरोप आज आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नवीन पिरशाली ने लगाए. पार्टी के प्रदेश कार्यालय में एक प्रेसवार्ता में पिरशाली ने राज्य की धामी सरकार पर जमकर निशाना साधा. 

पिरशाली ने कहा कि, प्रदेश की आर्थिकी की रीढ़ माने जाने वाली चारधाम यात्रा को कोर्ट के आदेश के बाद शुरु तो जरूर किया गया, लेकिन भारी अव्यवस्थाओं के चलते सरकारी सिस्टम की पोल खुल चुकी है, कि महज खानापूर्ति के लिए सरकार द्वारा इस चारधाम यात्रा को सुचारू किया गया है. उन्होंने कहा कि लाखों लोगों की रोजी रोटी का जरिया बनी चारधाम यात्रा ,आज सरकारी उदासीनता के कारण अनदेखी का शिकार हो रही है. प्रदेश में देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर चारधाम यात्रियों के लिए पंजीकरण खोले गए, लेकिन कई ऐसे लोग हैं जिनके पंजीकरण हो ही नहीं पा रहे हैं ,और जो नियम बने हैं वो इतने जटिल हैं कि इच्छुक यात्रा चारधाम यात्रा पर नहीं आ पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश के लाखों लोग, जिनका रोजगार इस यात्रा से जुड़ा है, खुश थे कि यात्रा खुलने के बाद उनकी दिक्कतें कुछ कम होंगी लेकिन बढ़तीअव्यवस्थाओं के कारण उन्हें निराश होना पड़ रहा है.

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18 सितंबर को चारधाम यात्रा शुरू हुई थी लेकिन महज दो हफ्ते के अंतराल में ही बढ़ती और लचर व्यवस्थाओं ने चारधाम यात्रा की पोल खोल कर रख दी है. उन्होंने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि यदि सरकार आप पार्टी की मदद लेना चाहे तो आप पार्टी अपने वॉलेंटियर्स को चारधाम यात्रा में भेज सकती है ताकि यात्रियों को मदद मिलने के साथ कोई असुविधा ना हो.

आप प्रवक्ता ने कहा,चारधाम यात्रा ना केवल भारत बल्कि पूरे विश्व के हिन्दुओं की आस्था का प्रतीक है लेकिन सरकारी कुप्रबंधन ने हिंदुओं की आस्था पर गहरी चोट पहुंचाई है. यात्रियों को बिना दर्शन करे ही लौटने को मजबूर होना पड़ रहा है. इससे बडे़ शर्म की बात बीजेपी सरकार और उत्तराखंड के लिए कुछ नहीं हो सकती है. एक ओर सरकार दोबारा कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है वहीं पहले से चल रही यात्रा को ही सरकार व्यवस्थित नहीं कर पा रही है.

सरकार के लचर रवैये के चलते स्थानीय लोगों के साथ ही होटल चलाने वालों, ढाबा चलाने वालों, लॉज चलाने वालों, खच्चर चलाने वालों से लेकर फूल और प्रसाद बेचने वालों तक में जबर्दस्त गुस्सा है. जब लाखों लोगों को सरकारी मदद की सबसे ज्यादा जरूरत थी ऐसे में सरकार ने ही लचर व्यवस्था अपना कर इन लाखों लोगों की कमर तोड़ने का काम किया है.

चारधाम यात्रा से लोगों को एक उम्मीद थी लेकिन कर्ज लेकर दोबारा कारोबार शुरू करने वाले व्यापारियों को फिर लाचार होना पड़ रहा है. ई-पास की जो व्यवस्था सरकार ने की है, उसकी प्रक्रिया इतना जटिल बनाया है कि लोगों का रजिस्ट्रेशन तक नहीं हो पा रहा है. डिजिटल इंडिया का दावा करने वाली भाजपा के राज में उत्तराखंड सरकार का डिजिटल सिस्टम फेल हो गया है. इसके अलावा हर दिन दर्शन करने वालों की लिमिट तय होने के चलते श्रद्धालुओं को एक-एक धाम में तीन से चार दिन लग रह हैं. इसके कारण बहुत कम श्रद्धालु ही यात्रा पर आ रहे हैं. आप पार्टी ये मांग करती है कि सरकार तत्काल स्थानीय व्यापारियों से वार्ता करे, उनकी मांगों का उचित समाधान निकाले. साथ ही यात्रा के लिए होने वाले रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को सरल बनाए ,ताकि अधिक से अधिक संख्या में यात्री देवभूमि आएं और चारधाम सुचारू रूप से चल सके.