Advertisment

मस्जिद के लिए नहीं लेनी चाहिए जगह, ओवैसी के समर्थन में आए जफरयाब जिलानी

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब मुस्लिम समुदाय में इस बात को लेकर मतभेद सामने आ रहे है कि कोर्ट के आदेश के बाद वह मस्जिद के लिए जगह लें या न लें.

author-image
Kuldeep Singh
New Update
मस्जिद के लिए नहीं लेनी चाहिए जगह, ओवैसी के समर्थन में आए जफरयाब जिलानी

जफरयाब जिलानी( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब मुस्लिम समुदाय में इस बात को लेकर मतभेद सामने आ रहे है कि कोर्ट के आदेश के बाद वह मस्जिद के लिए जगह लें या न लें. कोर्ट का फैसला आने के बाद एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि मुस्लिमों को मस्जिद के लिए जगह नहीं लेनी चाहिए. अब बाबरी एक्शन कमेटी के कन्वेनर जफरयाब जिलानी भी इसके समर्थन में आ गए हैं.

रिव्यू पिटीशन फाइल करनी है या नहीं, कल बैठक में होगा तय
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रिव्यू पिटीशन फाइल की जानी है या नहीं इसे लेकर रविवार को आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक बुलाई गई है. बैठक में सभी एप्लिकेंट को बुलाया गया है. सुन्नी वक्फ बोर्ड को भी बैठक में बुलाया गया है.

यह भी पढ़ें ः राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट को लेकर साधु-संतों में फूट, ऑडियो वायरल, जानिए क्या है मामला 

जो ओवैसी का मत वही मेरा-जिलानी
जफरयाब जिलानी ने कहा कि मेरा मानना है कि मस्जिद की जमीन नहीं लेनी चाहिए. उन्होंने ओवैसी के ट्वीट पर कहा कि जो ओवेसी का मत है वही मेरा मत है. उन्होंने कहा कि कल होने वाली बैठक में सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की जाएगी. बैठक में सभी पक्षों से बातचीत के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी.

2.77 एकड़ जमीन का हुआ था सीमांकन
वहीं दूसरी तरफ अयोध्या की विवादित 2.77 एकड़ जमीन का प्रशासन द्वारा पहले ही सीमांकन कराया जा चुका है. इस सीमा पर पत्थर लगाए गए हैं. अब प्रशासन एक बार फिर इसकी पैमाइश करा रहा है जिसस आगे किसी प्रकार की परेशानी न हो. प्रशासन ने इस मामले में सहयोग के लिए अन्य जिलों से जानकारों को भी बुलाया है.

यह भी पढ़ें ः वसीम रिजवी से नाराज हुए देवबंदी उलेमा, जानिए क्या है पूरा मामला 

कार्यशाला में तेजी से हो रहा पत्शर तराशी का काम
अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए 1990 में कार्यशाला की नींव रखी गई थी. तभी से न्यास अयोध्या के कारसेवकपुरम में वर्ष अनवरत कलाकारों और शिल्पकारों के लिए कार्यशाला चल रही है. इसमें कलाकारों ने कई पत्थरों और खंभों पर कलाकृतियां उकेरी हैं, इस उम्मीद के साथ कि जब भी राम लला का मंदिर बनेगा तो इन्हें उसमें लगाया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में फैसला आने के बाद कार्यशाला में काम और तेजी से किया जा रहा है. रामजन्मभूमि न्यास की योजना के मुताबिक मंदिर 268 फुट लंबा, 140 फुट चौड़ा और शिखर तक 128 फुट ऊंचा होगा. इसमें कुल 212 खंभे होंगे.

यह भी पढ़ें ः राम मंदिर ट्रस्ट को जमीन सौंपने की कवायद शुरू, हो रही दोबारा पैमाइश 

VHP की ने की ट्रस्ट में PM भी शामिल करने की मांग
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने मांग की है कि अयोध्या मंदिर निर्माण के लिए बनने वाले हैं ट्रस्ट में अमित शाह को शामिल किया जाए. इसके साथ ही प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष हों और योगी आदित्यनाथ भी ट्रस्ट में शामिल हों. वीएचपी का मानना है कि सरदार बल्लभ भाई पटेल ने जिस तरह अपनी निगरानी में ट्रस्ट में रहते हुए सोमनाथ मंदिर बनवाया था. उसी तरह अयोध्या मंदिर का भी निर्माण किया जाना चाहिए. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को ट्रस्ट में शामिल किया जाना चाहिए. विश्व हिंदू परिषद का मानना है कि अगर अयोध्या मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह को ट्रस्ट में शामिल किया जाता है तो प्रशासनिक और राजनैतिक अड़चन नहीं आएगी.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

ram-mandir AyodhyaVerdict Zafaryab Jilani aimim leader asaduddin owaisi Ayodhya News AIMPLB
Advertisment
Advertisment
Advertisment