युवक को जिंदा गाड़ा, जानवरों के नोचने पर आया होश तो गांव की ओर..

आगरा में एक युवक को जिंदा दफन करने का मामला सामने आया है. घंटों बाद जब जानवर युवक को नोचने लगा तो उसे होश आया. किसी तरह वह जान बचाकर पास के गांव में पहुंचा. वहीं, परिजनों ने पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है.

आगरा में एक युवक को जिंदा दफन करने का मामला सामने आया है. घंटों बाद जब जानवर युवक को नोचने लगा तो उसे होश आया. किसी तरह वह जान बचाकर पास के गांव में पहुंचा. वहीं, परिजनों ने पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है.

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Prashant Jha
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आगरा में एक युवक को जिंदा गड्ढे में दफन करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. युवक के दफनाने का आरोप क्षेत्र के दबंगों पर लगा है. एक घंटे से ज्यादा समय तक युवक गड्ढे में दबा रहा. जंगली जानवर के नोचने पर युवक को होश आया. फिर वह किसी तरह वो गड्ढे से निकलकर पास की बस्ती में पहुंचा. 13 दिन से युवक हॉस्पिटल में भर्ती है. अब पुलिस ने केस दर्ज जांच शुरू की है. 

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अरतौनी के रहने वाली रामवती ने थाना सिकंदरा में तहरीर दी थी कि 18 जुलाई को उनके क्षेत्र में दो पक्षों में विवाद हुआ था. एक पक्ष का एक व्यक्ति उनके घर के बाहर खड़े होकर गालियां दे रहा था. जिस पर उनके बेटे रूपकिशोर ने उसे वहां से जाने को कहा. 18 जुलाई की रात को ही चार युवक रूपकिशोर के पास पहुंचे. अंकित, गौरव, करन और आकाश ने कहा कि प्रधान पुष्पेंद्र ने तुमको बातचीत के लिए बुलाया है. जिसके बाद रूपकिशोर उनके साथ चला गया. रूपकिशोर और परिजनों के अनुसार चारों युवकों ने गांव के बाहर जंगलों की तरफ जाकर यमुना की तलहटी पर ले गया और फिर रूपकिशोर को बुरी तरह पीटा. उसके बाद  रूपकिशोर की टीशर्ट से उसके गले में फंदा बनाकर उसे घसीटते हुए यमुना किनारे ले गए. जंहा मारपीट करने के बाद उसे मरा हुआ समझकर यमुना किनारे रेत में गड्ढा खोद कर दफना दिया. 

होश आने के बाद युवक गड्ढे से निकलकर पास की बस्ती में पहुंचा

रूपकिशोर का खून सूंघकर कुछ जंगली जानवर गड्ढे पर पहुंचे. बेहोश रूपकिशोर का मांस नोच कर खाने लगे. मांस नोचने पर दर्द हुआ तो रूपकिशोर होश में आया. किसी तरह गड्ढे से निकल कर पास की ही बस्ती में पहुंचा. वहां लोगों को पूरी घटना की जानकारी दी. अपने परिजनों का नंबर दिया. सूचना पर परिजन पहुंचे. रूपकिशोर ने बताया कि 7 लोगों ने मिलकर उसे मारा और फिर जिंदा दफना दिया गया .   

पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप

रूपकिशोर के मां और भाई दीपक का कहना है कि वे लोग रूपकिशोर को लेकर 19 जुलाई को थाना सिकंदरा पहुंचे थे. पुलिस ने तहरीर लेकर मेडिकल करवाया पर कार्रवाई नहीं की. कई दिन तक चक्कर काटते रहे. उसके बाद वकील के साथ जाकर पुलिस कमिश्चर जे. रविन्दर गौड से शिकायत की. उनके आदेश पर पुलिस ने पीड़ित परिवार को बुलाकर दोबारा तहरीर लेकर मुकदमा दर्ज किया है. वहीं, इस पूरे मामले में पुलिस अधिकारी को कहना है कि मामला प्रथम देश का मारपीट का है पर यही वजह है की मारपीट में मुकदमा दर्ज किया गया है आगामी जांच में जो भी पाया जाएगा उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी .

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