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यश भारती की तर्ज पर योगी सरकार शुरू करेगी राज्य संस्कृति पुरस्कार, ये होंगे पात्र

उत्तर प्रदेश सरकार अब यश भारती पुरस्कार की तर्ज पर ‘राज्य संस्कृति पुरस्कार’ देने जा रही है. इसके तहत कुल 25 लोगों को सम्मानित किया जायेगा. इस योजना में सबसे बड़ा पुरस्कार 5 लाख रूपये का होगा.

Updated on: 31 Dec 2020, 11:45 AM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार (Yogi Sarkaar) सरकार अब यशभारती पुरस्कार (Yash Bharti Award) योजना की तर्ज पर एक नए पुरस्कार को शुरू करने जा रही है. ‘राज्य संस्कृति पुरस्कार’ के नाम पर दिया जाने वाले इस पुरस्कार की योजना कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बनाई थी. इसके तहत कलाकार, समाजसेवी, संस्कृति कर्मी और बुद्धजीवियों में से कुल 25 लोगों को सम्मानित किया जाएगा. इस योजना में सबसे बड़ा पुरस्कार 5 लाख रूपये का होगा, जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर दिया जाएगा.

मुलायम सिंह यादव ने शुरू किया था यश भारती पुरस्कार
गौरतलब है कि साल 1994 में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की पहल पर यश भारती पुरस्कार योजना की शुरुआत हुई थी. पहले इस पुरस्कार की राशि एक लाख रूपये हुआ करती थी. आखिरी बार यह पुरस्कार साल 2006 में दिए गए थे. जब राज्य में बसपा की सरकार बनी तो मायावती ने इन पुरस्कारों को बंद कर दिया था. साल 2012 में सपा सरकार के आने पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पहल पर यह पुरस्कार फिर से साल 2015 में शुरू किए गए थे.

संस्कृति विभाग ने भेजा प्रस्ताव 
अखिलेश यादव ने पुरस्कार की राशि बढ़ाकर 11 लाख रुपये कर दी थी. साथ ही साथ पुरस्कार पाने वाले व्यक्ति को आजीवन 50 हज़ार रूपये पेंशन दिए जाने का भी प्रावधान किया गया था. लेकिन नए पुरस्कारों में सबसे बड़ी राशि 5 लाख रूपये की होगी जो कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के नाम पर दिया जाएगा. इसके अलावा राज्य संस्कृति पुरस्कार में पुरस्कार राशि 2 लाख रूपये रखी जाएगी.