logo-image

योगी सरकार उत्तर प्रदेश में 15 अप्रैल से शुरू करेगी गेहूं खरीद, ये रखा गया है न्यूनतम समर्थन मूल्य

देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) में किसानों को खेती-किसानी से जुड़ी कोई असुविधा न हो, इसके लिए योगी सरकार (Yogi Government) निरंतर ध्यान दे रही है.

Updated on: 12 Apr 2020, 08:54 PM

नई दिल्ली:

देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) में किसानों को खेती-किसानी से जुड़ी कोई असुविधा न हो, इसके लिए योगी सरकार (Yogi Government) निरंतर ध्यान दे रही है. प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि गेहूं की कटाई प्रदेश में तेजी से हो रही है. कटाई के बाद गेहूं की खरीद के लिए प्रदेश सरकार ने तैयारी पूरी कर ली है. शाही ने कहा कि किसानों को गेहूं खरीद के संबंध में बिल्कुल भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है.

यह भी पढ़ेंःशोएब अख्तर ने कपिल देव को दिया जवाब- उन्हें पैसा नहीं चाहिए, लेकिन हर किसी को...

प्रमुख सचिव, खाद्य एवं रसद तथा कृषि, कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार देवेश चतुर्वेदी ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा आगामी 15 अप्रैल से 5500 खरीद केंद्रों के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य 1925 रुपये प्रति कुंतल पर गेहूं खरीद की जाएगी. प्रदेश में गेहूं खरीद का लक्ष्य 55 लाख मीट्रिक टन रखा गया है. उन्होंने कहा कि क्रय केंद्रों पर अनावश्यक भीड़ न हों इसके लिए आनलाइन टोकन की व्यवस्था की गई है. गेहूं बिक्री के लिए इच्छुक किसानों को केंद्र प्रभारी से संपर्क कर अपना कृषक पंजीकरण नंबर बताकर अनुरोध करना होगा. इस पर केन्द्र प्रभारी द्वारा एक सप्ताह के अंदर आनलाइन टोकन जनरेट सम्बन्धित किसान के मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से भेज दिया जाएगा.

देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि क्रय केंद्र प्रभारियों का जनपदवार विवरण खाद्य विभाग के पोर्टल पर खरीद सारांश के लिंक पर गेहूं क्रय केंद्रों का विवरण पर उपलब्ध है. किसानों की सुविधा के दृष्टिगत उन्हें अपना आधार कार्ड ले जाने पर पूर्व से पंजीकृत न होने की दशा में क्रय केंद्र प्रभारी द्वारा मौके पर ही उसके फोटो पहचान पत्र, बैंक पासबुक तथा खतौनी की प्रति के आधार पर उसका पंजीकरण किया जाएगा.

उन्होंने आगे कहा कि कोरोना के दृष्टिगत सभी क्रय केन्द्रों पर प्रभारी सहित कार्य करने वाले हैंडलिंग एवं परिवहन ठेकेदारों को सोशल डिस्टेसिंग का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए चेहरे को मास्क से ढंकने हेतु निर्देशित कर दिया गया है. साथ ही केंद्रों पर हैंड सेनेटाइजर, साबुन-पानी इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित रखने के भी निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि विक्रय हेतु आने वाले किसानों को भी यह निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने चेहरे को मास्क अथवा गमछे से ढंककर ही आएं.

यह भी पढ़ेंःपंजाब-महाराष्ट्र के बाद CM अशोक गहलोत ने राजस्थान में modified लॉकडाउन बढ़ाने के दिए संकेत

कृषि मंत्री की अध्यक्षता में भी समिति का गठन

प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत समस्त जनपदों के अधिकांश किसानों को खरीफ-2019 मौसम में क्रॉप कटिंग प्रयोगों से प्राप्त उपज के आधार पर की जाने वाली क्षतिपूर्ति का भुगतान सभी संबंधित बीमा कंपनियों द्वारा किसानों के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि प्रदेश के समस्त जनपदों में 3,63,699 लाभार्थी किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 350.76 करोड़ रुपये का भुगतान क्षतिपूर्ति के रूप में किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार किसानों के हितार्थ अत्यंत गंभीर है.

उन्होंने कहा कि खरीफ 2019 मौसम में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत क्रॉप कटिंग प्रयोगों से प्राप्त उपज के आधार पर प्रदेश के 4,87,548 किसानों को कुल 519.0813 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है. उन्होंने बताया कि जनपद झांसी के 79,760 किसानों को 128.3213 करोड़ रुपये एवं जनपद ललितपुर के 44,089 किसानों को 40.00 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति का भुगतान अवशेष है. संबंधित बीमा कंपनियों द्वारा अवगत कराया गया है कि आगामी एक सप्ताह के अंदर इन अवशेष किसानों का भी भुगतान कर दिया जाएगा.

शाही ने बताया कि गत 6 अप्रैल को केंद्रीय कृषि मंत्री की वीडियो कांफ्रेंसिंग में बीमा कंपनियों द्वारा किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत क्षतिपूर्ति के भुगतान में किए जा रहे विलंब के बारे में अवगत कराया गया था. इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा सभी बीमा कंपनियों को आवश्यक निर्देश जारी करते हुए यथाशीघ्र क्षतिपूर्ति का भुगतान सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए थे.