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उत्तर प्रदेश में फर्जी शिक्षकों के खिलाफ योगी सरकार सख्त, अभियान चलाकर निकाला जाएगा बाहर

उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने मंगलवार को यहां कहा कि प्रदेश में अभियान चलाकर फर्जी शिक्षकों को बाहर किया जाएगा.

Updated on: 28 Aug 2019, 11:42 AM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने मंगलवार को यहां कहा कि प्रदेश में अभियान चलाकर फर्जी शिक्षकों को बाहर किया जाएगा. डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद पत्रकारों से कहा कि एसआईटी ने प्रदेश में 4000 फर्जी शिक्षक चिन्हित किए हैं, जिनमें से 1300 को चिन्हित कर कार्रवाई की जा चुकी है. हम लोग सूबे में बड़ा अभियान चलाकर अब फर्जी शिक्षकों को विभाग से बाहर करेंगे. उन्होंने शिक्षकों की तबादला नीति को पारदर्शी बनाने की बात कही.

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डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि तबादले के लिए इंडेक्स सिस्टम लागू किया जाएगा. पहले पांच साल सेवा पर ही तबादले का नियम था, अब इसे घटाकर तीन साल कर दिया गया है. अक्टूबर से आवेदन लेंगे. अगले सत्र की शुरुआत से पहले तबादला कर दिया जाएगा.' मंत्री ने कहा कि महिला शिक्षक के लिए तबादले की समयसीमा तीन वर्ष से घटाकर एक वर्ष की जाएगी. सैनिकों की पत्नी का तो उनकी प्राथमिकता के आधार पर तबादला होगा. इसके साथ ही गंभीर रोग से पीड़ित और दिव्यांग को भी प्राथमिकता मिलेगी. एक जिले से दूसरे जिले और जिले के भीतर तबादला हो सकेगा. केवल अपने ग्राम पंचायत में तैनाती नहीं हो सकेगी.

उन्होंने बताया, 'मृतक शिक्षकों के आश्रितों की नियुक्ति अब समयबद्ध की जाएगी. जो आश्रित शिक्षक बनने योग्य हैं और टीईटी पास हैं, उन्हें शिक्षक बनाएंगे. जो मृतक आश्रित जरूरी शैक्षिक योग्यता रखते हैं और चतुर्थ श्रेणी कमर्चारी हैं, अगर टीईटी पास करते हैं तो उन्हें भी शिक्षक बनाया जाएगा.' द्विवेदी ने बताया, 'बेसिक शिक्षा परिषद का कार्यालय लखनऊ स्थानांतरित किया जाएगा. स्कूली शिक्षा के लिए अब अलग से निदेशालय बनेगा. इसमें अलग से डायरेक्टर जनरल नियुक्त होगा. बेसिक शिक्षा का अलग संवर्ग बनेगा.'

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मंत्री ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू होगा. जिससे बेसिक स्कूल से आगे की शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को पाठ्यक्रम को लेकर जरा भी परेशानी व भ्रम न हो. पाठ्यपुस्तक, यूनीफॉर्म, स्कूल बैग, जूते-मोजे और स्वेटर की उपलब्धता समय से सुनिश्चित करने के लिए अलग से कॉरपोरेशन बनेगा. उन्होंने कहा कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का अहम रोल है. उसके परफॉर्मेस से ही विभाग का परफॉर्मेस तय होता है. हब बीएसए के चयन की पारदर्शी प्रक्रिया लागू करेंगे. सबसे आवदेन मांगेंगे कि कौन बेसिक शिक्षा अधिकारी बनना चाहता है. इसके बाद उनकी मेरिट तय की जाएगी. उनका इंटरव्यू होगा और उनसे एक्शन प्लान लिया जाएगा. बीएसए की नियुक्ति में नए, इनोवेटिव और उत्साही अफसरों को अवसर देंगे.

उन्होंने बताया कि मिड डे मील की निगरानी के लिए हर मंडल पर लाइंग स्क्वोड बनेगा. अब एडी बेसिक की अध्यक्षता में स्क्वोड बनेगा. हर महीने कम से कम दो बार निरीक्षण करेंगे. कमियों के साथ ही अच्छे कार्यों को भी उजागर करेंगे. थर्ड पार्टी सोशल ऑडिट का सिस्टम विकसित किया जाएगा. हर महीने इसकी समीक्षा की जाएगी. प्रधान की जवाबदेही तय की जाएगी. मंत्री ने आगे कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से मानव सम्पदा पोर्टल विकसित किया जा रहा है. इसमें सभी स्कूलों के शिक्षक और बच्चों की समग्र जानकारी होगी. स्कूलों का पूरा संसाधन, गतिविधियों को तस्वीर के जरिए प्रेरणा एप से अपलोड किया जाएगा. इसके लिए हर स्कूल को टैबलेट दिया जाएगा.

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