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कोरोना वायरस के खिलाफ योगी सरकार बेहद गंभीर, उठाए कई बड़े कदम

इसके अलावा प्रदेश में पांच स्थानों पर इस वायरस के सैम्पल टेस्ट के लिए प्रयोगशाला तैयार की जा रही हैं. लखनऊ के केजीएमयू, पीजीआई और अलीगढ़ के आरएमएल में यह व्यवस्था पहले से है.

Updated on: 15 Mar 2020, 03:54 PM

लखनऊ:

घातक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार बेहद गंभीर है. यही वजह है कि सरकार की तरफ से निर्देश दिए गए हैं कि जो भी लोग इसके इलाज में लापरवाही बरते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. अगर कोई स्वास्थ्य कर्मी लापरवाही करता है तो उसका निलंबन भी होगा, उसकी बर्खास्तगी भी होगी तो वहीं कोई अगर इस बात को छुपाता है कि उसे कोरोना वायरस है या आपने किसी परिवार को जो कोरोना वायरस (Corona Virus) से ग्रसित है, उसको इलाज से बचाता है और सही जानकारी नहीं देता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी, उसे जेल तक जाना पड़ सकता है.

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योगी सरकार की ओर से कहा गया है कि कोरोना वायरस को लेकर प्रदेश में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. इस वायरस को लेकर लोगों में भय पैदा न हो, अफवाह न फैलने पाए और संक्रमित व्यक्ति को बेहतर इलाज मिल सके, इसके लिए एपिडेमिक एक्ट के कुछ कानून प्रदेश में लागू कर दिया गया है. एहतियात के तौर पर प्रदेश के सभी सरकारी एवं निजी शिक्षण संस्थान 22 मार्च तक बंद कर दिए गए हैं. जिन शिक्षण संस्थानों में परीक्षाएं चल रही हैं, वहां यथावत चलेंगी. बेसिक शिक्षा के परिषद के विद्यालयों में परीक्षाएं 23 मार्च से कराई जाएंगी. 20 मार्च को फिर से पूरे प्रदेश की स्थिति का अवलोकन कर आगे की रणनीति तय की जाएगी.

इसके अलावा प्रदेश में पांच स्थानों पर इस वायरस के सैम्पल टेस्ट के लिए प्रयोगशाला तैयार की जा रही हैं. लखनऊ के केजीएमयू, पीजीआई और अलीगढ़ के आरएमएल में यह व्यवस्था पहले से है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर और बीचएयू वाराणसी में टेस्ट की व्यवस्था शुरू की जा रही है. प्रदेश के सभी 75 जनपदों में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं. जिनमें 820 बेड हैं. जबकि प्रदेश के सभी सरकारी एवं निजी मेडिकल कॉलेजों में 448 बेड को आइसोलेशन वार्ड के तौर पर सुरक्षित रखा गया है.

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सरकार का कहना है कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों, पैरा मेडिकल स्टाफ और नर्सिंग स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस क्रम में अब तक 4100 चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है. इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकत्री और आशा वर्कर को भी इससे बचाव के बारे में प्रशिक्षित करने की व्यवस्था की गई है. लोगों को इस बाबत भी जागरुक किया जा रहा है कि वह एक जगह पर बड़े समूह में न एकत्र हों. नेपाल से लगने वाली प्रदेश की सीमा पर थर्मल एनालाइजर स्थापित किए गए हैं, इस क्षेत्र में 19 चेक प्वाइंट बनाए गए हैं, राउंड द क्लॉक यहां आने-जाने वाले व्यक्तियों पर डॉक्टर्स की टीम नजर रखे हुए है.

इसके साथ ही एनसीआर के क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है. प्रदेश के सभी जिलों में मास्क और ग्लब्स की पर्याप्त व्यवस्था है. इसकी कालाबाजारी न होने पाए इस पर भी ध्यान दिया जा रहा है. इस संबंध में शासन की तरफ से सभी मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिया गया है कि यदि कोई केमिस्ट या दुकानदार मास्क की जमाखोरी करेगा और एमआरपी से अधिक दाम पर मास्क बेचेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. कोरोना वायरस से बचाव के लिए पूरे प्रदेश में व्यापक स्तर पर प्रचार अभियान चलाया जा रहा है. एयरपोर्ट, रेलवे और बस स्टेशन पर स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जा रही है. इस क्रम में नेपाल सीमा पर अब तक 12.81 लाख और हवाई अड्डों पर 19473 यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई है. नेपाल बार्डर पर अभी तक 1957 जागरुकता मीटिंग की जा चुकी है.

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राज्य सरकार ने निर्देश दिए कि आगरा में विदेशी पर्यटक काफी आते हैं, इसलिए वहां पर विशेष सतर्कता बरती जाए. इसके अलावा प्रदेश में चीन, इटली, जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, रिपब्लिक ऑफ कोरिया और ईरान से आने वाले विदेशी यात्रियों पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है. आरोग्य मेला में शामिल होने वाली डॉक्टर्स की टीम को ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे जमीनी स्तर पर लोगों को इसके बचाव के विषय में जानकारी मिल सके. सरकार के मुताबिक, कोरोना वायरस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए विभिन्न प्रचार माध्यमों जैसे पम्फलैट, हैंडबिल, होर्डिंग, रेडियो, समाचार पत्र, टेलीविजन आदि का इस्तेमाल किया जा रहा है. हर जिले में कोरोना वायरस का एक कंट्रोल रूम स्थापित किया जा रहा है.

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