वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Corona Virus) का संक्रमण भारत में बढ़ता ही जा रहा है. लिहाजा देश में 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित किया गया है. लोगों को सोशल डिस्टेंस बनाए रखने के भी निर्देश हैं. मगर जेलों में कैदियों की संख्या बहुत ज्यादा है, लिहाजा इस महामारी को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार जल्द ही राज्यभर की 71 जेलों में बंद 11 हजार कैदियों को छोड़ेगी. इसके लिए प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई है. योगी सरकार ने कोर्ट के निर्देश पर इन कैदियों को 8 हफ्ते की पेरोल पर छोड़ने का निर्णय लिया है.
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बता दें कि कोरोना वायरस के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने 23 मार्च को सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिए थे कि जेलों के अंदर भीड़भाड़ कम करने के लिए कैदियों को अंतिम जमानत या पेरोल पर रिहा किया जाए. इसके लिए एक कमेटी का भी गठन किया था. इस संबंध में वरिष्ठ न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल की अध्यक्षता में बैठक हुई थी, जिसमें गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अनवीश अवस्थी और कारागार महानिदेशक आनंद कुमार शामिल हुए थे.
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इस कमेटी ने निर्देश दिए थे कि राज्य की सभी 71 जेलों में बंद ऐसे विचाराधीन कैदी, जो इस प्रकार के अपराधों में शामिल हों, जिनमें अपराधकी अधिकतम सजा 7 साल या उससे कम की है, उन्हें 8 हफ्ते के लिए निजी मुचलके पर पेरोल पर छोड़ दिया जाए. सरकार की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, राज्य में ऐसे विचाराधीन कैदियों की संख्या 8500 है, जबकि पेरोल पर छोड़े जाने वाले दोषियों की संख्या 2500 है. कुल मिलाकर इन 11 हजार कैदियों को आज योगी सरकार ने 8 हफ्ते की पेरोल पर छोड़ने का निर्णय लिया है.
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