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पुष्टाहार उत्पादन इकाई लगा योगी सरकार महिलाओं को बनाएंगी उद्यमी

उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सबल व आत्मनिर्भर बनाने के लिए खास तैयारी चल रही है. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को पुष्टाहार उत्पादन ईकाई से जोड़ कर स्थाई रूप से उद्यमी बनाने की कवायद चल रही है.

Updated on: 21 Dec 2020, 01:17 PM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सबल व आत्मनिर्भर बनाने के लिए खास तैयारी चल रही है. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को पुष्टाहार उत्पादन ईकाई से जोड़ कर स्थाई रूप से उद्यमी बनाने की कवायद चल रही है. पहले चरण में 40 लाख रुपए की लागत से फतेहपुर व उन्नाव में पुष्टाहार उत्पादन ईकाई लगाई जाएगी. यहां पर महिलाएं आधुनिक मशीनों से पुष्टाहार तैयार करेंगी। इस आधुनिक उत्पादन केन्द्र का संचालन पूरी तरह से महिलाओं के हाथ में होगा. जो एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) की मांग को पूरा करके लाभार्थियों को पूरक पोषण आहार की आपूर्ति कराएंगी.

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आईसीडीएस मांग पर पूरक पोषण आहार समूहों की महिलाओं के माध्यम से 18 जनपदों -- अलीगढ, अंबेडकर नगर, औरैया, बागपत, बांदा, चंदौली, इटावा, बिजनौर, फतेहपुर, गोरखपुर, कन्नौज, खीरी, लखनऊ, मैनपुरी, मिजार्पुर, प्रयागराज, सुल्तानपुर एवं उन्नाव के कुल 204 विकासखंडो में वितरित किया जाना है. इसके लिए आधुनिक मशीनों से लैस पुष्टाहार उत्पादन इकाई लगाई जाएगी. राज्य आजीविका ग्रामीण मिशन स्वयं सहायता समूह की 15 से 20 महिलाओं का माइक्रो इंटरप्राइजेज गठित करेगा. इससे जुड़ी महिलाओं को पैन कार्ड व बैंक में खाता खुलवाने का काम भी मिशन के द्वारा किया जाएगा.

राष्ट्रीय आजीविका ग्रामीण मिशन के अधिकारियों के अनुसार, इस परियोजना से 3 हजार से अधिक समूह की महिलाएं उद्यमी बनेंगी. उनके पास स्थाई स्वरोजगार होगा. प्रत्येक महिला को साल में 240 दिन से अधिक का रोजगार हासिल होगा. रोजगार से जुड़ कर महिलाएं 6 हजार रुपए महीने तक की आमदनी कर सकेंगी.  इसके अलावा आंगनबाड़ी केन्द्रों को वितरित किए गए पूरक पोषण आहार पर प्राप्त लाभ में भी महिलाओं को अंश दिया जाएगा. परियोजना का एक वर्ष का टर्नओवर 1200 करोड़ रुपए होगा.