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दूसरे राज्यों में फंसे 5 लाख लोगों तक पहुंची योगी सरकार, भोजन और घर वापसी की समस्या प्रमुख

नोडल अधिकारियों ने अपने दफ्तरों में केंद्र स्थापित कर इस उपलब्धि को हासिल किया है. बताया जा रहा है कि इनमें ज्यादातर लोगों की समस्या भोजन और घर वापसी से जुड़ी है.

Updated on: 22 Apr 2020, 04:59 PM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Adityanath) ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Corona Virus) से जंग के बीच अन्य राज्यों में फंसे पांच लाख लोगों तक अपनी सीधी पहुंच स्थापित कर ली है. इसके लिए नियुक्त किए गए नोडल अधिकारियों ने अपने दफ्तरों में केंद्र स्थापित कर इस उपलब्धि को हासिल किया है. बताया जा रहा है कि इनमें ज्यादातर लोगों की समस्या भोजन और घर वापसी से जुड़ी है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने राज्यवार नोडल अधिकारियों को नियुक्त कर रखा है. यह अधिकारी दूसरे राज्यों में रह रहे उप्र के लोगों से संपर्क कर उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं. इनके द्वारा अब तक करीब पांच लाख से ज्यादा लोगों से संपर्क कर उनकी समस्या का निदान किया जा चुका है.

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योगी सरकार ने 16 आईएएस, 16 एडीजी एवं आईजी रैंक के पुलिस अधिकारियों को राज्यवार नियुक्त किया

नोडल अधिकारियों की नियुक्ति 'योगी मॉडल' का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है. केंद्र भी इसकी सराहना कर चुका है और कई राज्य भी इस मॉडल को अपना रहे हैं. दूसरे राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए योगी सरकार ने 16 आईएएस, 16 एडीजी एवं आईजी रैंक के पुलिस अधिकारियों को राज्यवार नियुक्त किया है. इस कार्य में जुटे कुल 32 अधिकारियों के दफ्तरों में स्थापित केंद्रों में अन्य राज्यों में फंसे लोग संपर्क कर अपनी समस्या बता रहे हैं. यहां से अन्य राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों एवं जिला प्रशासन से संपर्क कर उनकी समस्याओं का निदान किया जा रहा है. स्थापित किए गए कॉल सेंटर्स पर रोजाना लगभग 1200 फोन कॉल आ रही हैं.

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एक कॉल के माध्यम से लगभग 60-70 लोगों की समस्याओं की जानकारी प्राप्त होती है

21 अप्रैल शाम सात बजे तक 43 हजार से अधिक कॉल उठाई (रिसीव) जा चुकी हैं. एक कॉल के माध्यम से लगभग 60-70 लोगों की समस्याओं की जानकारी प्राप्त होती है. राज्यों के लिए नियुक्त किए गए सभी नोडल अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा मुख्यमंत्री प्रतिदिन करते हैं. राष्ट्रव्यापी बंद के कारण रामपुर के रहने वाले शकील अहमद तमिलनाडु के चेन्नई में फंसे थे. वह बताते हैं कि उनके पास राशन खत्म हो गया था. योगी सरकार की तरफ से तमिलानाडु के लिए नियुक्त किए गए नोडल अधिकारी से जब उन्होंने फोन के माध्यम से अपनी समस्या बताई, तो उन्होंने तुरंत संज्ञान लिया और थोड़ी देर बाद उनको पर्याप्त मात्रा में राशन उपलब्ध हो गया. इसी तरह से देवरिया के रहने वाले कृष्णा सैनी महाराष्ट्र के ठाणे में फंसे थे. उनकी समस्या भोजन एवं प्रदेश वापसी की थी.

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भोजन की समस्या का समाधान किया

इसको लेकर उन्होंने महाराष्ट्र के नोडल अधिकारी से संपर्क किया. अधिकारी ने उन्हें वहीं सुरक्षित रहने और लॉकडाउन का पालन करने की सलाह दी और उनकी भोजन की समस्या का समाधान किया. उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव आर. के. तिवारी ने कहा, "ज्यादातर लोगों की समस्या खाने, रहने और प्रदेश वापसी की है. सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को शिकायतकतार्ओं की सूची के साथ नियमित रूप से पत्र भेजा जा रहा है. टेलीफोन के माध्यम से भी वार्ता हो रही है. उनसे संपर्क कर उत्तर प्रदेश के लोगों को मदद पहुंचाई जा रही है."महाराष्ट्र के नोडल अधिकारी नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया, "मुंबई, पुणे और ठाणे की तमाम स्वयंसेवी संस्थाओं और सरकारी तंत्र से संपर्क कर हजारों प्रवासियों की भोजन एवं अन्य समस्याओं का समाधान कराया गया है."