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योगी सरकार के मंत्री बोले- सरकार जल्द लाएगी रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर कानून

उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह (Dr. Mahendra Singh) ने कहा कि जल का संरक्षण समय की मांग है. जल ही जीवन है. जल ही शांति है और जल ही भविष्य है.

Updated on: 11 Dec 2020, 04:18 PM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह (Dr. Mahendra Singh) ने कहा कि जल का संरक्षण समय की मांग है. जल ही जीवन है. जल ही शांति है और जल ही भविष्य है. लिहाजा पानी की हर बूंद बचाना जरूरी है. वर्षा जल संचयन के लिए प्रदेश सरकार जल्द ही कानून लाएगी. पानी की सहज उपलब्धता रहेगी तो खेत की उपज भी बढ़ जाएगी. 

डॉ. महेंद्र सिंह गुरुवार की शाम को गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में नियोजन विभाग और गोरखपुर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पूर्वांचल के सतत विकास, मुद्दे, रणनीति और भावी दिशा विषयक राष्ट्रीय वेबिनार व संगोष्ठी में जल क्षेत्र के प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से जल संरक्षण के साथ ही शुद्ध पेयजल की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है. हमने खेत ताल योजना शुरू की है. बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के लिए हर घर नल योजना शुरू हो चुकी है. 

उन्होंने कहा कि शीघ्र ही पूर्वांचल सहित अन्य क्षेत्रों में भी इसका विस्तार होगा. हमारा प्रयास है कि खेत का पानी खेत में और छत का पानी धरती की कोंख में जाए. शुद्ध पेयजल की व्यवस्था पहले की गई होती तो पूर्वांचल में जेई और एईएस जैसी बीमारियां नहीं होती हैं. जल शक्ति मंत्री ने कहा कि इस संगोष्ठी में मंथन से जो निष्कर्ष निकलेगा, उस पर सरकार निर्णय लेकर बेहतर कार्य करेगी. इस तकनीकी सत्र में मुख्य वक्ता जल शक्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव टी वेंकटेश ने जल संसाधन प्रबंधन, चुनौतियां व समाधान विषय पर वक्तव्य दिया.

सत्र में 2030 वाटर रिसोर्स ग्रुप के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अनिल सिन्हा, गोरखपुर विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के प्रो एसएस वर्मा, बीएबीयू लखनऊ के डॉ वेंकटेश दत्ता, गोरखपुर विश्वविद्यालय के समाज शास्त्र विभाग के डॉ प्रकाश प्रियदर्शी ने भी जल क्षेत्र की समस्या व प्रबंधन के लिए रणनीति व भावी नीति पर चर्चा की. सत्र की सह अध्यक्षता गोरखपुर विश्वविद्यालय के बायो टेक्नोलॉजी विभाग के प्रो शरद मिश्रा ने की.