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CM Yogi adityanath Photograph: (Social)
UP News: उत्तर प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है. इसी कड़ी में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की ओर से दुकान संचालन योजना चलाई जा रही है. इस योजना का मकसद दिव्यांगजनों को रोजगार के अवसर देना और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है.
इस योजना के तहत दिव्यांगजन ठेला, गुमटी या किराये की दुकान खोलने के लिए आर्थिक मदद ले सकते हैं. उन्हें कुल 10 हजार रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाती है. इसमें 7,500 रुपये ऋण के रूप में और 2,500 रुपये अनुदान के रूप में दिए जाते हैं. योजना का उद्देश्य है कि दिव्यांगजन दूसरों पर निर्भर रहने के बजाय अपना खुद का व्यवसाय शुरू करें और आत्मनिर्भर बनें.
पात्रता शर्तें भी तय
इस योजना का लाभ केवल वही दिव्यांगजन उठा सकते हैं जिनके पास 40 प्रतिशत या उससे अधिक की दिव्यांगता का प्रमाण पत्र हो और वे उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हों. इसके अलावा कुछ और शर्तें भी तय की गई हैं. आवेदक की उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए. परिवार की कुल आय सरकार द्वारा तय गरीबी रेखा की सीमा से दोगुनी से अधिक नहीं होनी चाहिए.
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, ऐसे लोग योजना से वंचित रहेंगे जो किसी आपराधिक या आर्थिक मामले में दोषी ठहराए गए हों या जिन पर किसी प्रकार की सरकारी राशि बकाया हो.
ऑनलाइन आवेदन की सुविधा
योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन रखी गई है. इच्छुक लाभार्थी वेबसाइट https://divyangjandukan.upsdc.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. आवेदन के दौरान दिव्यांगता प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो और बैंक खाते की जानकारी अपलोड करना अनिवार्य है.
आवेदन भरने के बाद उसकी एक प्रति निकालकर संबंधित जिले के विकास भवन स्थित कक्ष संख्या 21 में जमा करनी होगी. इसके बाद अधिकारी नियमानुसार प्रक्रिया पूरी करेंगे और लाभार्थियों को समय पर सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी.
वरदान साबित होगी योजना
दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी प्रतिभा पाल का कहना है कि यह योजना उन लोगों के लिए वरदान साबित होगी जो अब तक रोजगार की तलाश में संघर्ष कर रहे थे. इस पहल से दिव्यांगजन न सिर्फ अपने पैरों पर खड़े हो सकेंगे बल्कि समाज में आत्मसम्मान के साथ जीवन जी पाएंगे.
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