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दिव्यांगजनों को योगी सरकार का तोहफा Photograph: (X@CMOfficeUP)
शहर के चौराहों को सुंदर और आकर्षक बनाने को लेकर जिम्मेदार एजेंसियाँ कई बार दावा कर चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई भी योजना पूरी तरह धरातल पर नहीं उतर सकी. हर बार योजनाएं बनती हैं, फाइलों में आगे बढ़ती हैं, लेकिन अमल की बारी आते-आते मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है. फिर एक बार वही सिलसिला शुरू हुआ है और एक नई रणनीति के साथ चौराहों के सौंदर्यीकरण की कवायद आरंभ हो चुकी है.
आईडीपी के तहत नई शुरुआत
इस बार कार्य इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट प्लान (IDP) के अंतर्गत शुरू हुआ है, जिसका उद्देश्य शहर को रहने योग्य, व्यवस्थित और आधुनिक स्वरूप देना है. इसके तहत चौराहों को सिर्फ सुंदर बनाना ही नहीं, बल्कि उन्हें शहर की पहचान के प्रतीक के रूप में विकसित करना भी शामिल है. प्रोजेक्ट का फोकस चौराहों के चारों ओर दीर्घकालिक आधारभूत सुविधाओं का विकास करना है.
कमिश्नर के निर्देश पर मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) ने एक बार फिर से नए सिरे से सर्वे शुरू कराया है ताकि पुराने प्लानों की कमियाँ दूर की जा सकें और एक व्यावहारिक मॉडल लागू किया जा सके.
स्टैचू, गोलचक्कर और आसपास का विकास
नई योजना के मुताबिक होने वाले बदलाव और विकास...
- हर चौराहे की लंबाई और चौड़ाई को ध्यान में रखते हुए विशेष थीम आधारित स्टैचू लगाए जाएंगे.
- गोलचक्कर को वैज्ञानिक और आधुनिक डिज़ाइन दिया जाएगा.
- सड़क व्यवस्था, लाइटिंग, लैंडस्केपिंग और यातायात संचालन को बेहतर बनाने पर जोर रहेगा.
इसका उद्देश्य चौराहों को सिर्फ देखने में सुंदर बनाना नहीं बल्कि उन्हें उपयोगी और सुरक्षित भी बनाना है.
बदल जाएगा शहर का रूप
नई पहल शुरू हो चुकी है, लेकिन शहरवासी अब दावों से ज़्यादा परिणाम देखना चाहते हैं. हालांकि योगी सरकार की ओर से लगातार शहरों के सुंदरीकरण का काम चल रहा है. मेरठ को लेकर चौराहे न केवल सुंदर दिखेंगे बल्कि शहर की पहचान और व्यवस्था को नई दिशा देंगे.
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