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योगी सरकार के धर्म परिवर्तन अध्यादेश को HC में चुनौती

अध्यादेश को नैतिक व संवैधानिक रूप से अवैध बताते हुए उसे रद्द करने की मांग की गई है. याचिका में इस कानून के तहत उत्पीड़न पर रोक लगाने की मांग भी की गई है.

Updated on: 12 Dec 2020, 09:43 AM

प्रयागराज:

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून लाने पर मुहर लगा दी है. इसी कड़ी में योगी सरकार के 'लव जिहाद' से जुड़े धर्म परिवर्तन वाले अध्यादेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. अध्यादेश को नैतिक व संवैधानिक रूप से अवैध बताते हुए उसे रद्द करने की मांग की गई है. याचिका में इस कानून के तहत उत्पीड़न पर रोक लगाने की मांग भी की गई है. सौरभ कुमार की ओर से दाखिल की गई थी जनहित याचिका.

कोर्ट ने कहा था यह
याचिका में आरोप लगाया गया है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने 31 अक्टूबर 2020 को बयान दिया था कि यूपी सरकार लव जिहाद के खिलाफ कानून लाएगी. सीएम का मानना है कि मुस्लिम युवकों द्वारा हिंदू लड़की से शादी, धर्म परिवर्तन कराने के षड्यंत्र का हिस्सा है. एकल पीठ ने शादी के लिए धर्म परिवर्तन को अवैध करार दिया है. इसके बाद सीएम योगी का यह बयान आया है. हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने एकल पीठ के फैसले के विपरीत फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि दो बालिग शादी कर सकते हैं. कोर्ट ने धर्म बदलकर शादी करने को गलत नहीं माना है. कोर्ट ने कहा है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पसंद से जीवन साथी व धर्म चुनने का अधिकार है.

जीवन के अधिकार का है उल्लंघन
याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह अध्यादेश सलामत अंसारी केस के फैसले के विपरीत है. यह अध्यादेश जीवन के अधिकार अनुच्छेद- 21 का भी उल्लंघन करता है. याचिका में इस अध्यादेश को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है. ये जनहित याचिका सौरभ कुमार की ओर से दाखिल की गई है. याचिका में आरोप यह अध्यादेश सलामत अंसारी केस के फैसले के विपरीत है. उन्होंने कहा कि अध्यादेश जीवन के अधिकार अनुच्छेद 21का भी उल्लंघन करता है. याचिका में इस अध्यादेश को असंवैधानिक घोषित करने की मांग हाईकोर्ट से की.

50 हजार रुपये तक का जुर्माना
उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने विवाह के लिए अवैध धर्मांतरण रोधी कानून के प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी दे दी. इससे पहले राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में शादी के लिए धोखाधड़ी कर धर्मांतरण किए जाने की घटनाओं पर रोक लगाने संबंधी कानून के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट में प्रस्ताव पास होने के बाद 15- 50 हजार तक का जुर्माना का प्रवधान है. वहीं शादी के नाम पर धर्म परिवर्तन अवैध घोषित कर दिया गया है. अगर कोई भी ग्रुप धर्म परिवर्तन कराता है तो उसे 3 से 10 साल की सजा होगी.