logo-image

यूपी में माफियाओं की आई शामत, योगी सरकार ने जब्त किए इतने अरब की संपत्ति

जिस उत्तर प्रदेश में कभी माफियाओं की तूती बोला करती थी. UP में अब उनकी कमर टूट चुकी है. योगी सरकार इन माफियाओं के आर्थिक साम्राज्य पर चुन-चुनकर चोट कर रही है. ये कारवाई ऐसे हो रही तो वो दिन दूर नहीं, जब ये माफिया कंगाली की कगार पर पहुंच जाएंगे .

Updated on: 17 Sep 2022, 07:09 PM

लखनऊ:

जिस उत्तर प्रदेश में कभी माफियाओं की तूती बोला करती थी. उसी प्रदेश में अब उनकी कमर टूट चुकी है. योगी सरकार इन माफियाओं के आर्थिक साम्राज्य पर चुन-चुनकर चोट कर रही है. ये कारवाई ऐसे ही चलती रही तो वो दिन दूर नहीं, जब ये माफिया कंगाली की कगार पर पहुंच जाएंगे. बीते सवा पांच सालों में योगी सरकार माफियाओं की 4000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त कर चुकी है. पूरब से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक माफियाओं की काली कमाई का हिसाब हो रहा है. योगी सरकार इन माफियाओं के आर्थिक साम्राज्य को ध्वस्त करने में लगी है. डर और बाहुबल के सहारे खड़ा किया गया आर्थिक साम्राज्य अब एक-एककर तबाह हो रहा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 4000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को सरकार जब्त की जा चुकी है. सरकार की इस कारवाई ने इन माफियाओं के आर्थिक साम्राज्य पर बड़ी चोट की है. 

एक जमाने में पूर्वांचल में कभी अतीक और मुख्तार जैसे माफियाओं का सरकारी टेंडर से लेकर जमीन के धंधे और मछली के कारोबार में बड़ी हिस्सेदारी हुआ करती थी. पूर्वांचल से लेकर लखनऊ तक रेलवे के टेंडर, कोयले का बिजनेस, मछली के कारोबार, व्यापारियों से उगाही में मुख्तार अंसारी का एकाधिकार हुआ करता था. सरकारी टेंडरों में मुख्तार के इजाजत के बिना कोई हाथ नहीं डालता था. वैसे ही प्रयागराज समेत कई जिलों में जमीन के अवैध कारोबार, जमीनों पर कब्जा, उगाही, फिरौती के जरिए अतीक अहमद ने सैकड़ों करोड़ की प्रॉपर्टी खड़ी की. 

यह भी पढ़ेंः देश में कम हो रही है बेरोजगारी, जून तिमाही में EPFO ने जोड़े दोगुने नए सदस्य

पूर्वांचल में ही विजय मिश्रा ने भी बाहुबल के सहारे अकूत धन जुटाया था, लेकिन अब सरकार इन माफियाओं से पाई-पाई का हिसाब कर रही है. इन माफियाओं ने बीते दशकों में जो आर्थिक साम्राज्य खड़ा किया था. सरकार उसे एक-एक कर ध्वस्त कर रही है. सरकार की चोट न सिर्फ इनके काले कारोबार पर हो रही है, बल्कि जिन ठेकों और धंधों में उनकी हिस्सेदारी थी. सरकार ने उस सिंडिकेट को भी ध्वस्त कर दिया है. पूर्वांचल में रेलवे के टेंडर, मोबाइल टॉवर का काम, मछली का धंधा रियल स्टेट के कारोबार में अब मुख्तार या मुख्तार से जुड़े लोगों की भूमिका न के बराबर हो गई है. 

सरकार अब तक इतने की संपत्ति कर चुकी है जब्त

माफिया    जब्त संपत्ति
अतीक अहमद 959 करोड़
मुख्तार अंसारी 448 करोड़
देवेंद्र सिंह 111 करोड़        
यशपाल तोमर    94  करोड़
दिलीप मिश्रा  32 करोड़
ध्रुव सिंह 20 करोड़
अनुपम दुबे 19.4 करोड़
सुनील राठी 12 करोड़
सुशील मूंछ 3.45 करोड़

यही हाल रहा तो माफिया हो जाएंगे कंगाल
यही हाल अतीक का है, जिन धंधों में अतीक की सीधी हिस्सेदारी हुआ करती थी. उस सिंडिकेट को भी सरकार ने खत्म कर दिया है. व्यापरियों को डरा धमका कर मुख्तार और अतीक जैसे माफिया करोड़ों कमाया करते थे. वो अब बीते दिनों की बात हो गई है. यानी तस्वीर बिल्कुल साफ है कि सरकार ने इन माफियाओं पर दोनों तरफ से चोट किया है. एक तरफ इन माफियाओं ने जो आर्थिक साम्राज्य खड़ा किया ज़रकार उसे ध्वस्त तो कर ही रही है,दूसरी तरफ सरकार ने इन माफियाओं के उस कड़ी को भी तोड़ दिया, जिसके माध्यम से ये पैसा कमाते थे. मतलब बिल्कुल साफ है कि अगर सरकार की ये करवाई ऐसे ही चलती रही तो फिर ये माफिया एक दिन कंगाली की कगार पर खड़े होंगे.