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उत्तर प्रदेश में उपद्रवियों पर नकेल के लिए योगी सरकार आई रिकवरी अध्यादेश

अब उत्तर प्रदेश रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी अध्यादेश 2020 के तहत प्रदर्शन के नाम पर आगजनी और तोड़फोड़ के दोषी व्यक्तियों से वसूली की जाएगी.

Updated on: 14 Mar 2020, 10:30 AM

Lucknow:

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार की शाम को यहां लोकभवन में कैबिनेट की बैठक संपन्न हुई, जिसमें धरना, प्रदर्शन और बंद के नाम पर सार्वजनिक और निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाने वाले उपद्रवियों से नुकसान की भरपाई का अध्यादेश पारित किया गया. अब उत्तर प्रदेश रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी अध्यादेश 2020 के तहत प्रदर्शन के नाम पर आगजनी और तोड़फोड़ के दोषी व्यक्तियों से वसूली की जाएगी.

सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह और वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने लोकभवन में पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि देश में राजनीतिक धरना, प्रदर्शन, बंद और हड़ताल के दौरान उपद्रवियों द्वारा सरकारी एवं निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है. इसके निवारण के लिए कड़े कानून की जरूरत है.

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सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे प्रदर्शनों की वीडियोग्राफी, विवेचना एवं क्षतिपूर्ति के लिए दावा अधिकरण की स्थापना के निर्देश दिए थे. उसी संबंध में आज यह अध्यादेश कैबिनेट में लाया गया, जो सर्वसम्मति से पारित हुआ. बहुत जल्द ही इसकी नियमावली भी आएगी.

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग और ओडीओपी के प्रोत्साहन के लिए प्रदेश की एमएसएमई से 25 फीसद सरकारी खरीद अनिवार्य होगी. कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. केंद्र की गाइड लाइन के अनुसार, अब तक खरीद की अनिवार्यता 20 फीसद तक थी, पर यह खरीद देश की किसी भी एमएसएमई से की जा सकती थी.

प्रदेश से ही खरीद को अनिवार्य करने वाला उप्र देश का पहला राज्य है. इस सेक्टर की महिला, एससी-एसटी और इको ग्रीन इकाइयों से क्रमश: 3, 4 और 5 फीसद की खरीद करनी होगी. प्राइस में भी 15 फीसद की वरीयता देनी होगी. प्रदेश की इकाइयों द्वारा आपूर्ति नहीं किए जाने की दशा में ही किसी और प्रदेश के एमएसएमई से खरीद की जा सकेगी. इससे मेक इन यूपी और मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा.

पीपीपी मॉडल पर बनेंगे प्रमुख शहरों में 23 बस अड्डे. इनके लिए सरकार एक मानक तय करेगी. मसलन, पूरे रकबे का 55 फीसद बस टर्मिनल के लिए होगा. जिन शहरों में इनका निर्माण होना है, उनमें गाजियाबाद, लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, हापुड़, रायबरेली, बरेली, आगरा, बुलंदशहर और अयोध्या आदि शामिल हैं.

इलाहाबाद हाईकोर्ट में बहुमंजिला पार्किं ग के निर्माण को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इसके लिए जजों के 12 बंगलों, टाइप-ए के 80 आवास, दो रिकर्ड रूम, संपर्क गलियारा और पुलिस बैरक को ध्वस्त किया जाएगा.

कैबिनेट ने जिलों के न्यायालयों की त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था का भी निर्णय लिया है. कैबिनेट ने प्रदेश के तीन प्रमुख मेलों का प्रांतीयकरण करने की मंजूरी दी है. जिन मेलों का प्रांतीयकरण किया गया है, उनमें बरसाना-नदंगांव की लट्ठमार होली, डलमऊ बरेली का कार्तिक पूर्णिमा मेला और मिश्रित तीर्थ सीतापुर को 84 कोसी होली परिक्रमा शामिल है.

केंद्रीय वित्त आयोग और महालेखाकार उप्र की संस्तुतियों के आधार पर कंसलिडेटेड सिंकिंग फंड के सृजन को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है. कई राज्यों में पहले से ही ऐसे फंड हैं. इसके लिए राज्य सरकार 2500 से 3000 करोड़ रुपये तक के फंड का सृजन करेगी.

पीएम आवास योजना के घटक भागीदारी में किफायती आवास (अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप) योजना के तहत बनने वाले इडब्लूएस आवासों की लागत में संशोधन को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है. पीएम आवास योजना के तहत निजी क्षेत्र की सहभागिता किफायती आवास योजना 2018-2022 में संशोधन के तहत पहले एक हेक्टेयर में 250 आवास बनाने होते थे. अब इनकी संख्या 150 होगी.

प्रदेश में पुलिस लाइन, बैरक, थाने और फायर ब्रिगेड के लिए जो भी निर्माण हो रहे हैं, उन सबमें लगभग एकरूपता रहे इसकी भी मंजूरी कैबिनेट ने दी है. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार इस रबी के सीजन में 1925 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 55 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदेगी. खरीद एक अप्रैल से 15 जून तक होगी. किसानों के खाते में 72 घंटे के भीतर भुगतान किया जाएगा.