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CM योगी ला रहे नई जनसंख्या नीति, आबादी घटाने को ये होंगे बदलाव

नई जनसंख्या नीति-2021-30 के तहत उत्तर प्रदेश में नवजात मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर को और कम करने की कोशिश होगी.

Updated on: 09 Jul 2021, 06:44 AM

highlights

  • जनसंख्या दिवस पर 11 जुलाई को जारी होगी नई नीति
  • समुदाय केंद्रित जागरूकता के प्रयासों को देंगे तरजीह
  • गरीबी और अशिक्षा से बढ़ रही है सूबे की जनसंख्या

लखनऊ:

असम (Assam) की तर्ज पर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कमर कस ली है. नई जनसंख्या नीति-2021-30 के तहत उत्तर प्रदेश में नवजात मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर को और कम करने की कोशिश होगी. सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) खुद इस नीति को जनसंख्या दिवस पर 11 जुलाई को जारी करेंगे. इस नीति के तहत 25 करोड़ की आबादी वाले सूबे में जनसंख्या स्थिरीकरण की जरूरतों के प्रयास शुरू हुए हैं. इसके अंतर्गत गर्भ निरोधक उपायों को बढ़ाना, सुरक्षित गर्भपात की व्यवस्था होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ समुदाय में भी जनसंख्या को लेकर जागरूकता का अभाव है. ऐसे में समुदाय केंद्रित जागरूकता के प्रयास की जरूरत है. 

आबादी बढ़ने में गरीबी अशिक्षा ज्यादा जिम्मेदार
गुरुवार को लोकभवन में नवीन जनसंख्या नीति 2021-30 के संबंध में प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, आबादी विस्तार के लिए गरीबी और अशिक्षा बड़ा कारक है. समुदाय में जनसंख्या को लेकर जागरूकता का अभाव है. ऐसे में समुदाय केंद्रित जागरूकता प्रयास की जरूरत है. प्रदेश की निवर्तमान जनसंख्या नीति 2000-16 की अवधि समाप्त हो चुकी है. अब नई नीति समय की मांग है. प्रस्तुतिकरण के अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए जागरूकता और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ सभी जरूरी प्रयास किए जाएं. 

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जागरूकता बढ़ाने स्कूलों में बनेंगे हेल्थ क्लब
जागरूकता प्रयासों के क्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्कूलों में हेल्थ क्लब बनाये जाने के निर्देश भी दिए. साथ ही, डिजिटल हेल्थ मिशन की भावनाओं के अनुरूप नवजातों, किशोरों और वृद्धजनों की डिजिटल ट्रैकिंग की व्यवस्था के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि नई नीति तैयार करते हुए सभी समुदायों में जनसांख्यकीय संतुलन बनाये रखने, उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं की सहज उपलब्धता, समुचित पोषण के माध्यम से मातृ-शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर तक लाने का प्रयास होना चाहिए. इससे पहले अपर मुख्य सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, अमित मोहन प्रसाद ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रस्तावित जनसंख्या नीति प्रदेश में एनएफएचएस-04 सहित अनेक रिपोर्ट के अध्ययन के बाद तैयार की जा रही है.