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उपचुनाव में बीजेपी की जीत के लिए योगी आदित्यनाथ ने चुना ये रास्ता, कितना होगा कारगर जानिए

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का उपचुनाव का अनुभव अभी तक अच्छा नहीं रहा है. इसी कारण पार्टी की अब पूरी कोशिश है कि उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनावों में आम चुनाव जैसी लहर चले.

Updated on: 18 Sep 2019, 10:05 AM

लखनऊ:

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का उपचुनाव का अनुभव अभी तक अच्छा नहीं रहा है. इसी कारण पार्टी की अब पूरी कोशिश है कि उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनावों में आम चुनाव जैसी लहर चले. इसी कोशिश के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपचुनाव वाले क्षेत्रों में विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास कर जीत का रास्ता तैयार करने में लगे हैं.

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योगी ने 28 अगस्त को बहराइच जिले का दौरा किया. जिले के बलहा क्षेत्र में उपचुनाव होना है. बहराइच में योगी ने 57 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और 12 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास किया. मुख्यमंत्री  ने छह सितंबर को सहारनपुर में 450 करोड़ रुपये, सात सितंबर को प्रतापगढ़ में 2़ 18 अरब की 165 परियोजनाओं, सात को ही अंबेडकरनगर में 287 करोड़ रुपये, 13 सितंबर को चित्रकूट में 181 करोड़ रुपये, 14 को फीरोजाबाद के टुंडला में 391 करोड़ रुपये और 14 सितंबर को ही अलीगढ़ में 1135 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास कर सरकार की ढाई वर्ष की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं का खाका खींचा है.

हमीरपुर में उपचुनाव अगले सप्ताह ही होना है, जबकि सहारनपुर के गंगोह, रामपुर, अलीगढ़ के इगलास, फीरोजाबाद के टुंडला, कानपुर के गोविंदनगर, चित्रकूट के मानिकपुर, लखनऊ के कैंट, बाराबंकी के जैदपुर, अंबेडकरनगर के जलालपुर, प्रतापगढ़, बहराइच के बलहा और मऊ जिले के घोसी विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव की अधिसूचना जारी होनी है. इसके पहले ही योगी ने व्यापक दौरा कर योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास कर सियासी माहौल तैयार किया है.

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वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रेमशंकर मिश्रा का कहना है कि आम चुनाव में अजेय रहनी वाली भाजपा के लिए उपचुनाव जीतना हमेशा मुश्किल भरा साबित हुआ है. साल 2014 के बाद हुए अधिकतर उपचुनाव में भाजपा को करारी शिकस्त मिलती रही है. योगी की अगुवाई में पार्टी इस सिलसिले को खत्म करना चाहती है. उन्होंने कहा कि विकास और राष्ट्रवाद भाजपा की राजनीतिक रणनीति के दो पहिये हैं, जिनके आधार पर वह अपनी जीत की गाड़ी को आगे बढ़ाती रही है. इसीलिए अभियानों के माध्यम से अनुच्छेद 370 और तीन तलाक की चर्चा पहुंचाई जा रही है. वहीं विकास की योजनाओं से जनता को साधने का प्रयास किया जा रहा है.

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन ने कहा कि भाजपा ने विकास किया है. इसी का संदेश भाजपा जन-जन तक पहुंचा रही है. प्रदेश की जनता मोदी और योगी के साथ हैं. हम काम करने वाले लोग हैं. इसी के आधार पर चुनाव जीतेंगे. हम गठबंधन को हराकर जीतने वाले लोग हैं. हमें लोकतंत्र में विश्वास है. उन्होंने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, संगठन मंत्री हर जगह जाकर विकास का संदेश दे रहे हैं. हम जनता के बीच जाना अपना सौभाग्य समझते हैं. भाजपा संगठन और सरकार मिलकर सरकार की योजनाएं जनता तक पहुंचाने में लगे हुए हैं.

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वर्ष 2012 के बाद उत्तर प्रदेश में अब तक कुल 12 विधानसभा उपचुनाव हुए हैं. भाजपा इनमें से केवल तीन- लखनऊ पूर्व, नोएडा और सहारनपुर ही जीत पाई है. लोकसभा उपचुनावों में उसका प्रदर्शन तो और भी खराब है. गोरखपुर, फूलपुर, कैराना और नूरपुर विधानसभा उपचुनाव भाजपा हार गई थी. हालांकि सिकंदरा, निघासन और आगरा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनावों में भाजपा को सफलता भी मिली. इसी को देखते हुए सरकार और संगठन ने पूरी ताकत लगा दी है.

लोकसभा चुनाव में अपने सहयोगी अपना दल (एस) के साथ मिलकर यूपी की 80 में से 64 सीटें जीतने वाली भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह के राजनैतिक कौशल की पहली परीक्षा विधानसभा उपचुनाव ही लेने वाले हैं. जिन जिलों में चुनाव होने हैं, वहां पर मंत्री और संगठन के लोगों को नियुक्त किया गया है. प्रभारी मंत्री जिलों में जिला योजना समिति की बैठक की अध्यक्षता करने के साथ सरकार की योजनाओं के क्रियान्वन की समीक्षा भी करेंगे.