मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने UP की जनता से किया वादा, कहा- हर जिले में खुलेगा मेडिकल कॉलेज

कांग्रेस सदस्य ने प्रश्न उठाते हुए आरोप लगाया था कि बांदा मेडिकल कॉलेज में असाध्य रोगों, हृदय संबंधी दिक्कतों और हेड-इंजुरी के मरीजों के इलाज के लिए सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं.

कांग्रेस सदस्य ने प्रश्न उठाते हुए आरोप लगाया था कि बांदा मेडिकल कॉलेज में असाध्य रोगों, हृदय संबंधी दिक्कतों और हेड-इंजुरी के मरीजों के इलाज के लिए सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं.

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Sushil Kumar
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योगी आदित्यनाथ( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि प्रदेश में नए मेडिकल कॉलेजों को खोलने के साथ उनमें शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए तेजी से प्रयास कर रही है. प्रदेश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रयास किया जा रहा है. योगी ने परिषद में कांग्रेस सदस्य नसीमुद्दीन सिद्दीकी द्वारा बांदा मेडिकल कॉलेज (Banda medical College) में उपलब्ध सुविधाओं से जुड़े एक सवाल के जवाब में कही. कांग्रेस सदस्य ने प्रश्न उठाते हुए आरोप लगाया था कि बांदा मेडिकल कॉलेज में असाध्य रोगों, हृदय संबंधी दिक्कतों और हेड-इंजुरी के मरीजों के इलाज के लिए सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं.

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बांदा मेडिकल कॉलेज में विशेषज्ञों और तकनीशियनों मौजूद नहीं

सिद्दीकी ने कहा कि बांदा मेडिकल कॉलेज में विशेषज्ञों और तकनीशियनों मौजूद नहीं है. उनके सवाल पर चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कहा कि संविदा पर भर्ती के साथ 694 पदों पर नियुक्ति के लिए प्रस्ताव उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के पास भेजा जा चुका है और कुछ मामलों में इश्तेहार भी जारी किए गए थे. उन्होंने सदन को बताया कि कुछ पदों पर इंटरव्यू करके उनमे आगे की कार्यवाही की जा रही है. जब कांग्रेस सदस्य ने दोबारा कहा कि बांदा मेडिकल कॉलेज में एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड मशीनें रेडियोलॉजिस्ट उपलब्ध न होने के कारण नहीं चल रही हैं, तब मुख्यमंत्री में कमान संभाली.

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बांदा मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग काम कर रहा है

योगी ने कहा कि बांदा मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग काम कर रहा है, ईसीजी और ट्रेडमिल टेस्ट की मशीनें भी चल रही हैं. वहां हृदय संबंधी रोगों की प्रारंभिक जांच भी की जा रही है. उन्होंने कहा कि फैकल्टी की कमी है, लेकिन उसको दूर करने के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से परमिशन ली गई है कि कैसे प्रांतीय चिकित्सा सेवा के डॉक्टरों को उनकी डिग्री और अनुभव के साथ मेडिकल कॉलेजों में रखा जाए. इस पर भी विचार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि एमसीआई ने भी इस संबंध में कुछ नए दिशा निर्देश जारी किए हैं.

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लोक सेवा आयोग नई भर्तियां करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहली बार मेडिकल कॉलेजों से पढ़ाई करके निकलने वाले छात्रों से बांड भराया जाएगा, जिसके तहत उनको ग्रामीण इलाकों में भी अपनी सेवाएं देनी होंगी. जिन भी उपकरणों और विशेषज्ञों की जरूरत होगी, उसका इंतजाम सरकार कर रही है. उन्होंने कहा कि तकनीशियनों की कमी है, लेकिन उसको दो-तीन साल में पूरा नहीं किया जा सकता. पिछले 25-30 सालों में भर्तियां नहीं हुईं, इसी कारण से दिक्कत हो रही है. उन्होंने कहा कि लोक सेवा आयोग नई भर्तियां करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है.

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स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए टेलीमेडिसिन की व्यवस्था

योगी ने कहा कि प्रदेश में पहली बार प्राथमिक सेवा केंद्रों पर आरोग्य मेले हर रविवार को आयोजित किए जा रहे हैं, और अब तक 17 लाख लोगों को इससे फायदा मिला है. इसके अलावा ग्रामीण क्षत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए टेलीमेडिसिन की व्यवस्था की जा रही है, जिसमें पीजीआई और किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ द्वारा राय दी जा रही है. उन्होंने कहा कि 2016 से पहले प्रदेश में कुल 12 मेडिकल कॉलेज थे. इस सरकार में 29 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया चल रही है, जिसमें से सात खुल भी गए हैं, और बाकी के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है.

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