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योगी आदित्यनाथ और प्रियंका गांधी( Photo Credit : न्यूज स्टेट)
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ताबड़तोड़ नागरिकता संशोधित कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में मारे गए और हिरासत में लिए गए पीड़ित परिवारों के साथ मिलने जा रही हैं. वहीं इससे पहले एसआर दारापुरी के परिजनों से लखनऊ में मुलाकात की थी. इसको लेकर काफी हंगामा भी हुआ था. वहीं शनिवार को प्रियंका गांधी मेरठ का दौरा किया था. उनके इस दौरे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्य़ालय ने प्रियंका गांधी का नाम लिए बगैर जमकर निशाना साधा है.
आपकी सम्पत्ति को जलाने, तोड़ फोड़ करने वालों से इतनी सहानुभूति क्यों?
देश की शांति, सुरक्षा और सार्वजनिक संपत्तियों को क्षति पहुंचाने वाले उपद्रवियों व दंगाईयों के साथ आज ये क्यों खड़े हैं।
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) January 4, 2020
प्रियंका गांधी पर सवालिया निशान लगाते हुए पूछा कि आपकी सम्पत्ति को जलाने, तोड़ फोड़ करने वालों से इतनी सहानुभूति क्यों? उनके उपद्रवियों और दंगाइयों के साथ सहानुभूति व्यक्त करने पर जमकर प्रहार किया है. सीएम योगी के कार्यालय ने ट्वीट किया कि जनता देख रही है और समझ रही है. बार बार नकारे जाने बाद भी ये तुष्टिकरण की राजनीति से बाज नहीं आ रहे हैं.
जनता देख रही है और समझ रही है। बार बार नकारे जाने के बाद भी ये तुष्टिकरण की राजनीति से बाज नही आ रहे हैं। इनके मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे।
शांति अमन चैन बनाये रखना आपकी सरकार की जिम्मेदारी है और वो इसे पूरी प्रतिबद्धता के साथ निभा रही है।
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) January 4, 2020
ट्वीट में कहा गया कि इनके मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे. आपकी संपत्ति को जलाने तोड़ फोड़ करने वालों से इतनी सहानुभूति क्यों? इसमें कहा गया कि देश की शांति-सुरक्षा और सार्वजनिक संपत्तियों को क्षति पहुंचाने वाले उपद्रवियों व दंगाइयों के साथ आज ये क्यों खड़े हैं? बता दें कि शनिवार सुबह प्रियंका पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और मेरठ गई. वहां उन्होंने हालिया हिंसक प्रदर्शनों के दौरान कथित तौर पर पुलिस ज्यादती का शिकार होने वाले लोगों के परिवार वालों से मुलाकात की.
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नागरिकता संशोधन के विरोध में पिछले दिनों यूपी के कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन हुआ था. इस प्रदर्शन में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था. जिसके बाद योगी सरकार ने ऐलान किया था कि जो भी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है उसे चिन्हित करके उसकी संपत्ति से वसूला जाएगा. इसकी क्रम में ऐसे लोगों को पहचानने का काम शुरू हो गया जिन्होंने सरकार संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. यूपी में हिंसा के दौरान हुए नुकसान को लेकर अलग-अलग ज़िलों में कुल 498 लोगों को क्षतिपूर्ति के लिए चिन्हित किया गया. इसमें लखनऊ में 82, मेरठ में 148, संभल में 26, रामपुर में 79, फ़िरोज़ाबाद में 13, कानपुर नगर में 50, मुजफ्फरनगर में 73, मऊ में 8 और बुलंदशहर में 19 लोगों को चिन्हित किया गया है. अब इनसे संपत्ति के नुकसान की क्षतिपूर्ति ली जाएगी.
Source : News Nation Bureau