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मोदी सरकार (Modi Sarkar) के मंत्री की बहू ने वाराणसी में की प्याज (Onion) की विधिविधान से पूजा, जानें क्‍यों

प्याज के आसमान छूते दामों (Onion Price) ने सबको रुला दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) में तो लोग प्याज की पूजा (Worship of Onion) तक करने लगे हैं.

Updated on: 15 Nov 2019, 08:29 AM

वाराणसी:

प्याज के आसमान छूते दामों (Onion Price) ने सबको रुला दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) में तो लोग प्याज की पूजा (Worship of Onion) तक करने लगे हैं. प्याज की पूजा करने वाला कोई और नहीं, बल्कि केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय (Mahendra Nath Pandey) की चचेरी बहू हैं. सब्जियों में जायका लाने वाले प्याज ने लोगों के आंसू निकालने शुरू कर दिए हैं. आम आदमी के पहुंच से दूर होती प्याज को अब भगवान का रूप मानकर इसकी पूजा-अर्चना हुई. केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ की बहू अमृता पांडेय (Amrita Pandey) प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के सामने कांग्रेस (Congress) की सदस्यता भी ले चुकी हैं. उन्होंने कहा, "मंहगाई (Inflation) आम आदमी की जेब पर डाका डाल रही है. हम लोगों की पहुंच से दूर होती प्याज की हम लोगों ने पूजा-अर्चना कर इसे त्याग दिया है."

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अमृता ने कहा, "हमारे परिवार ने प्याज कथा का आयोजन किया. प्याज को भगवान की तरह आसन पर बैठाया गया. बाकायदा फूल, माला अर्पित कर, अगरबत्ती और दीया जलाकर संकल्प भी लिया गया. इसके बाद प्याज की पूरे विधि विधान से आरती भी की गई."

उन्होंने कहा, "हमारा परिवार बढ़ते प्याज के दाम से खासा प्रभावित हुआ है और जब प्याज का दाम 100 रुपये किलो तक पहुंच गया. अब हमारे परिवार ने पूजन कर संकल्प लिया कि अब प्याज नहीं खाएंगे, क्योंकि अब ये आम आदमी के बजट के बाहर चला गया है."

अमृता ने कहा, "हमने पंडित जी से प्याज की कथा सुनी और लोगों को प्याज दान भी किया." उन्होंने कहा कि जिस तरह प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं, उससे अब ये आम आदमी के पहुंच से बाहर हो गया है. ऐसे में प्याज को अब पूजने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहा गया है. उन्होंने कहा, "हम प्याज को बैंक के लॉकर में भी रखवाने जा रहे हैं. अभी तो परिवार के लोगों ने इसे महंगाई के कारण खाना छोड़ दिया है."

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उन्होंने कहा, "हमने प्याज पूजन का आयोजन महज अपने प्रचार के लिए नहीं किया, बल्कि आम आदमी की आंख खोलने के लिए किया. हमने यह संदेश देने का प्रयास किया है कि लोग महसूस करें कि महंगाई किस कदर बढ़ गई है, इस समय हर चीज पर मंहगाई की मार पड़ रही है। लोग इसके खिलाफ आवाज उठाएं."

अमृता पांडेय ने आगे कहा, "हम लोगों ने इससे पहले दशहरा में दस दुराचारियों के पुतले फूंके थे, जिसमें कुलदीप सेंगर और स्वामी चिन्मयानंद के पुतले भी थे."