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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर अस्सी घाट पर महिलाओं ने 'शिव तांडव स्तोत्र' का पाठ पढ़ा

सोमवार को असि घाट पर गंगा आरती के पूर्व शुभ मुहूर्त में एक साथ हजार महिलाओं के स्‍वर जाह्नवी तट पर गूंजी तो आस्‍था के स्‍वर से भगवान शिव की नगरी काशी गुंजायमान हो उठी.

Updated on: 08 Mar 2021, 11:36 PM

वाराणसी:

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर काशी में अस्सी घाट पर देशभर से जुटी 1000 नारी शक्ति ने शिव तांडव स्तोत्र का लयबद्ध गायन किया. मुंबई की संस्था फाउंडेशन फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट इन एकेडमिक फील्ड की ओर से यह आयोजन किया गया था. 14 राज्यों की महिलाओं ने हजारों की संख्या में एक साथ शिव तांडव स्तोत्र गाया. सभी के हाथों में जलता हुआ दिया और उसकी रोशनी से चमकते एक ही रंग से काशी का कोना-कोना शिवमय हो गया. हजारों की संख्या में वाराणसी के अस्सी घाट की सीढ़ियों पर लाइन में खड़ी महिलाएं और उनके हाथों में जलते दिए मानों ऐसे लग रहे थे कि काशी की धरती पर शिव की सभा लगी हो और भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए हजारों की संख्या में ये शक्तियां अपनी पलक पसारे खड़ी हैं. खास बात यह रही कि शिव की भक्ति में आयोजित इस कार्यक्रम में सभी महिलाओं ने एक साथ एक आवाज में शिव तांडव स्तोत्र का गायन किया. ये सभी महिलाएं देश के 14 राज्यों से काशी आई हुई हैं.

आयोजन में लाल रंग के परिधान में सजी महिलाओं और युवतियों ने एक साथ शिव स्तोत्र का पाठ ढलते सूर्य के साथ शुरू किया तो वातावरण धर्म और आध्यात्म से एकाकार नजर आया. हाथों में गंगा और शिव आरती के लिए बाती जल उठी और शिव स्तुति का आयोजन शुरू हुआ तो घंट घड़ियालों से भी गंगा तट गूंज उठा.

सोशल मीडिया में भी आयोजन के स्वर गूंजे और झंकृत होते नजर आए. हर-हर महादेव का उद्घोष और बाबा की स्तुति में शिव तांडव का यह अद्भुत और अनोखा आयोजन काशी के लिए भी किसी अनूठे उत्सव सरीखा ही नजर आया. शिव तांडव स्तोत्र के पाठ के साथ ही घाटों पर गंगा आरती का भी आयोजन शुरू हुआ तो जाह्न्वी तट पर दीयों की रोशनी से गंगा तट भी मानों रोशनी से नहाया नजर आने लगा. जैसे-जैसे शाम होने लगी, आयोजन में शामिल होने के लिए लोगों की भी घाट पर भारी जुटान शुरू हो गई.

वैश्विक महामारी कोविड 19 के दौर में जून माह में दो महिलाओं से आरंभ शिव तांडव स्तोत्र का समापन शिव की नगरी काशी में गंगा तट पर सायंकालीन बेला में अस्सी घाट पर हुआ. महाराष्ट्र के पुणे से माधुरी सहस्रबुद्धे ने शिव तांडव स्तोत्र को जब जून माह में आरंभ किया तो महज दो लोग जुड़े. इसके बाद पूरे देश में हजारों लोग शिव तांडव स्तोत्र से जुड़ते गए.

फाउंडेशन ऑफ होलिस्टिक डेवलपमेंट के तत्वावधान में महाराष्ट्र कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तराखंड की हजारों महिलाएं अपने अंदर सकारात्मक ऊर्जा को उत्पन्न करने के लिए जुड़ी हैं. इस दौरान देश के विभिन्न भागों से लगभग 200 लोग भी ऑनलाइन एलईडी स्क्रीन से इस कार्यक्रम से जुड़े.