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धारा-370 हटने से सबसे ज्यादा मेरठ के बल्ले वालों की बल्ले-बल्ले, जानिए क्यों

जम्मू-कश्मीर से धारा-370 और 35-ए हटने के बाद उसके सियासी गलियारों में अगल अगल मायने निकाले जा रहे है. न्यूज़ चैनलों पर सियासी लोगों के बीच बहस छिड़ी है. लेकिन इन सबके बीच मेरठ की स्पोर्टस इंडस्ट्री और क्रिकेट प्लेयरों के चेहरे खिल उठे हैं.

Updated on: 08 Aug 2019, 06:02 PM

highlights

  • धारा 370 हटने से व्यापार करना होगा आसान
  • बेट की लकड़ी अब पड़ेगी सस्ती
  • लंबी चौड़ी फॉर्मैलिटी से मिलेगी राहत

मेरठ:

जम्मू-कश्मीर से धारा-370 और 35-ए हटने के बाद उसके सियासी गलियारों में अगल अगल मायने निकाले जा रहे है. न्यूज़ चैनलों पर सियासी लोगों के बीच बहस छिड़ी है. लेकिन इन सबके बीच मेरठ की स्पोर्टस इंडस्ट्री और क्रिकेट प्लेयरों के चेहरे खिल उठे हैं. दरअसल पहले कश्मीर विलो के बैट को बनाने के लिए मेरठ में स्पोर्टस इंडस्ट्री का काम करने वाले लोगों को पापड़ बेलने पड़ते थे.

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क्योंकि पहले सेमीफिनिश बैट का एक टुकड़ा आता था और फिर उसको यहां तैयार किया जाता था. जिससे उसकी लागत काफी महंगी होती थी. इसी वजह से कश्मीर विलो बैट काफी मंहगा मिलता था. जिसको लेकर कई बार नए और मिडिल क्लास के क्रिकेटर अपने कदमों को पीछे खींच लेते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.

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बता दें कि फारेस्ट डिपार्टमेंट की इंवेस्टिगेशन की लंबी चौड़ी फॉरमैलिटी की वजह से मेरठ में कश्मीर विलों की क्वालिटी काफी खराब और महंगी होती थी. पर अब धारा-370 हटने के बाद कश्मीर विलों के आने का रास्ता भी साफ होगा. बता दें कि अब कश्मीर विलो काफी सस्ती होगी. सरकार के फैसले से स्पोर्टस इंडस्ट्री के लोग और क्रिकेटर काफी खुश हैं.

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मेरठ क्रिकेटिंग एक्विपमेंट बनाने का हब है. यहां क्रिकेट बैट बनाने की नामी कम्पनी मौजूद है. क्रिकेट के बड़े अंतरराष्ट्रीय स्टार तेंदुलकर, धोनी और विराट से लेकर सभी मेरठ के बल्लों से खेलते हैं. इनमें इंग्लिश विलो के बल्ले होते हैं लेकिन कश्मीर विलो दरअसल उन बैट में लगती है जो बल्ले सस्ते होते हैं और खासकर सब जूनियर क्रिकेट खेलने वाले या यूं कहें कि क्रिकेट को स्टार्ट करने वाले इन बल्लों से खेलते हैं.

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अभी तक धारा 370 लागू होने की वजह से कश्मीरी अपनी शर्तों पर ही ये विलो यहां भेजते थे और महंगा देते थे. अब ट्रेड करने में कोई दिक्कत नहीं रहेगी. ऐसे में कश्मीर विलो आसानी से मिलने की उम्मीद जगी है. एक नामी क्रिकेट एक्वीपमेंट बनाने वाली कम्पनी के मालिक सुभाष राजपूत कहते हैं कि, ''धारा 370 हटने की वजह से एक बल्ले की कीमत में कम से कम तीन सौ से पांच सौ रुपये की कमी आएगी, वहीं बेहतर क्वालिटी भी मिलने की उम्मीद है.''

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एक औसत के मुताबिक कश्मीर के फोरेस्ट विभाग की जो औपचारिक्ताएं होती थीं, वो खत्म हो जाएंगी जिससे ट्रैड का सीधा रास्ता खुल जाएगा. दिल्ली की एक जूनियर टीम के दो प्लेयर प्रशांत और राजेश का मानना है कि कश्मीर विलो के बैट ही जूनियर क्रिकेटरर्स के लिए सही होते हैं, क्योंकि इंग्लिश विलो के बैट काफी महंगे होते हैं, इसलिए शुरूआत में कश्मीर विलो के बैट से आड़े तिरछे शॉट लगाने और प्रैक्टिस करने में कोई हर्ज नहीं होता.

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बहरहाल, जम्मू काश्मीर से धारा 370 हटाने की घोषणा हो चुकी है. अब जम्मू एंड काश्मीर केंद्र शासित प्रदेश हो जाएगा. ऐसे में विशेष राज्य का दर्जा होने की वजह से यहां के व्याारियों को जो दुश्वारियां उठानी पड़ती थीं, वो अब नहीं उठानी पड़ेगी. कश्मीर विलो के बैट न केवल सस्ते हो जाएंगे बल्कि ज्यादा तादाद में माल बिकने की वजह से कश्मीरियों की भी आर्थिक स्थिति सुधरेगी.