वनटांगिया गांवों में बच्चों के बीच ‘टॉफी वाले बाबा’ के नाम से प्रसिद्ध मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाल प्रेम से सभी परिचित हैं. वो हर साल वनटांगिया गांव में मिठाइयां, पटाखे और किताबें बांटकर बच्चों के साथ दिवाली मनाते हैं. पिछले साल भी सीएम योगी ने तिकोनिया जंगल में वनटांगिया गांव में दिवाली मनाई थी. सीएम योगी आदित्यनाथ को देखकर वनटांगिया गांव के बच्चे 'टॉफी वाले बाबा' चिल्लाकर उनकी तरफ दौड़ पड़ते हैं योगी भी स्नेह भाव से बच्चों को दुलार करते हैं, फिर वंदना और सांस्कृतिक गीतों के साथ उनका स्वागत किया जाता है. सीएम योगी का वनटांगिया और बच्चों के प्रति स्नेह देखकर हर कोई भाव-विभोर हो जाता है..
वनटांगिया समुदाय, दबे कुचले समाज के तौर पर जाना जाता है. मगर सीएम योगी आदित्यनाथ के मन में इन गरीब लोगों का विशेष स्थान हैं.वनटांगिया समाज के लोगों की आजादी के 70 साल साल बाद भी किसी राजनीतिक दल या किसी सरकार ने कोई सुध नहीं ली, उन्हें मुख्य धारा में जोड़ने का काम योगी आदित्यनाथ ने सांसद रहते ही शुरू कर दिया था. योगी हर साल वहां जाते बच्चों को टॉफी,खिलौने,गिफ्ट,मिठाईयां आदि बांटते और उन्हें खूब स्नेह करते. देखते ही देखते वनटांगिया लोगों के दिलों में योगी आदित्यनाथ बस गए.
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योगी आदित्यनाथ ने सीएम बनते ही सबसे पहले वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम घोषित किया. जिससे इस समाज के लोगों को हर वो सुविधाएं मिलने लगी जिनके लिए वो आजादी के बाद से ही मोहताज थे. कभी वीरान पड़े वनटांगियों के गांवों में आज रौनक आ गई है. यहां लोगों को पक्के आवास और शौचालय की सुविधा मिल गई है. गांव के गांव बिजली से रोशन हो चुके हैं. बच्चे अब स्कूल जा रहे हैं, स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य लाभ भी मिल रहा है, रसोई गैस की व्यवस्था भी की गई है. साथ ही शुद्ध पेयजल मिले इसके लिए पानी की बड़ी-बड़ी टंकियां भी लगाई गई हैं. आज इनके गांवों में कैंप लगाकर विधवा,वृद्धा और विकलांग पेंशन आदि का भी लाभ दिया जा रहा है. इस दबे कुचले समाज के लिए योगी आदित्यनाथ ने हर वो प्रयास किए जिसकी वजह से वनटांगिया गांव आज विकास का अद्भुत नमूना बनकर उभरे हैं. यहां के बच्चे एक बार फिर बहुत उत्साहित हैं कि दिवाली पर 'टॉफी वाले बाबा' इन्हें गिफ्ट और मिठाईयां बांटेंगे.
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योगी आदित्यनाथ ने चमकाया वनटांगियों का भाग्य
योगी के सीएम बनते ही इन गांवों के लोगों का भाग्य सुनहले अक्षरों में लिखा जाने लगा. योगी आदित्यनाथ ने सांसद रहते हुए ही साल 2006 में वन अधिकार कानून (अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन अधिकारों की मान्यता कानून 2006) बनने के बाद वनटांगिया परिवारों को उनकी खेती और आवास की ज़मीन पर मालिकाना हक दिलवाया था. तीन चरणों में हजारों परिवारों को उनकी जमीनों से संबंधित अधिकार पत्र सौंपे गए थे. इसके तहत इन्हें अपने घर और खेती की जमीन पर मालिकाना हक मिला था.
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योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से ही वनटांगियों को सामान्य नागरिक की तरह कानूनी अधिकार मिला. योगी के मुख्यमंत्री बनके के बाद इस समुदाय की तस्वीर पूरी तरह बदल गई आज वनटांगियों के गांवों को सरकारी स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक भवन जैसी सभी मूलभूत सुविधाएं हांसिल हैं. वनटांगियों को आवागमन में किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो इसके लिए सीएम योगी द्वारा 2019 में जारी किए गए बजट में वनटांगिया ग्रामों में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना के लिए करोड़ों रुपए के बजट की भी व्यवस्था कर दी गई थी जो आज धरातल पर मूर्तरूप ले चुकी है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो